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नागकेसर के औषधीय गुण
खांसी : अधिक कफ वाली खांसी मे 1 ग्राम नाग केसर को माखन और मिश्री के साथ सुबह शाम सेवन करने से खांसी नष्ट हो जाती है
हिचकी का रोग : 4 -10 ग्राम पीला नागकेसर माखन और मिश्री के साथ सुबह शाम रोगी को देने से हिचकी मिट जाती है
बवासीर : नागकेसर चूर्ण 6 ग्राम , माखन 10 ग्राम , मिश्री 6 ग्राम लेकर मिला ले इस मिश्रण को 6 से 7 दिन तक चाटने स खुनी बवासीर बंद हो जाती है
मासिक धरम सम्बन्धी विकार : नागकेसर, पठानी लोध्र, अशोक की छाल सभी को 10 -10 ग्राम की मात्रा मे लेकर चूर्ण बना ले 1 चम्मच प्रतिदिन इस चूर्ण का ताजे पानी के साथ सेवन करने से मासिक विकार सम्बन्धी दोष दूर होते है
प्रदर रोग : 3 ग्राम नागकेसर का चूर्ण ताजे पानी के साथ सेवन करने से स्वेट प्रदर मे लाभ होता है
शीतपित्त : 5 ग्राम नाग केसर मे शहद मिलाकर सुबह शाम खाने से शीत पित्त मे लाभ होता है
गठिया रोग : नागकेसर के बीजो की मालिश करने से गठिया रोग दूर हो जाता है
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https://indianjadibooti.com/Jadistore/Nagkesar
नागकेसर के औषधीय गुण
खांसी : अधिक कफ वाली खांसी मे 1 ग्राम नाग केसर को माखन और मिश्री के साथ सुबह शाम सेवन करने से खांसी नष्ट हो जाती है
हिचकी का रोग : 4 -10 ग्राम पीला नागकेसर माखन और मिश्री के साथ सुबह शाम रोगी को देने से हिचकी मिट जाती है
बवासीर : नागकेसर चूर्ण 6 ग्राम , माखन 10 ग्राम , मिश्री 6 ग्राम लेकर मिला ले इस मिश्रण को 6 से 7 दिन तक चाटने स खुनी बवासीर बंद हो जाती है
मासिक धरम सम्बन्धी विकार : नागकेसर, पठानी लोध्र, अशोक की छाल सभी को 10 -10 ग्राम की मात्रा मे लेकर चूर्ण बना ले 1 चम्मच प्रतिदिन इस चूर्ण का ताजे पानी के साथ सेवन करने से मासिक विकार सम्बन्धी दोष दूर होते है
प्रदर रोग : 3 ग्राम नागकेसर का चूर्ण ताजे पानी के साथ सेवन करने से स्वेट प्रदर मे लाभ होता है
शीतपित्त : 5 ग्राम नाग केसर मे शहद मिलाकर सुबह शाम खाने से शीत पित्त मे लाभ होता है
गठिया रोग : नागकेसर के बीजो की मालिश करने से गठिया रोग दूर हो जाता है
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