Friday, 31 January 2020

पुरानी कब्ज , आव , आंतो की सूजन

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               पुरानी कब्ज  , आव , आंतो की सूजन 
पुरानी आव या आंतो की सूजन मे 100-100 ग्राम बेल का गूदा ,सौंफ ,इसबगोल की भूसी और छोटी इलायची को एक साथ पीसकर पाउडर बना लेते है अब इसमें  300 ग्राम देसी खांड या बुरा मिलाकर कांच की शीशी मे भरकर रख देते है इस चूर्ण की दो चम्मच मात्रा  सुबह नाश्ता करने से पहले ताजे पानी के साथ लेते है और दो चम्मच शाम को खाना खाने के बाद गुनगुने पानी या गरम दूध  के साथ 7 दिनों तक सेवन करने से लाभ मिल जाता है लगभग 45 दिनों के  बाद यह प्रयोग बंद  कर दे यह प्रयोग निश्चित ही लाभदायक है  इससे कब्ज़ , पुरानी  आव , और आंतो की सूजन के रोग दूर हो जाते है   



इसबगोल की भूसी बड़े ही काम की

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                                            इसबगोल की भूसी बड़े ही काम की 
इसबगोल गर्मी ,प्यास ,गर्मी के बुखार ,गला ,हिरदय, और जीभ की खरखराहट  तथा खून  के रोगो को दूर करता है यह आंतो के  घाव ,आव और मरोड मे लाभदायक होता है 
पेचिश, आव : इसबगोल तीन भाग , हरड़ और बेल का सूखा गूदा बराबर मात्रा मे मिलाकर तीनो को बारीक़ पीस ले २-२  चम्मच की मात्रा मे सुबह शाम सेवन करने से लाभ मिलता है 
दमा : 2 चम्मच इसबगोल की भूसी गर्म पानी से सेवन करते रहने से सभी प्रकार के साँस रोग दूर हो जाते है 
शीघ्र पतन : इसबगोल , खसखस , और मिश्री सभी की ५-५ ग्राम मात्रा को पानी मे मिलाकर सेवन करने से  शीघ्रपतन का रोग दूर हो जाता है 
श्वेत प्रदर : इसबगोल को दूध मे देर तक उबालकर ,उसमे मिश्री मिलाकर खाने से स्त्रियों के  श्वेत प्रदर  मे लाभ होता है 
मुँह के छाले : इसबगोल से कब्ज़ व् छाले नष्ट होते है इसबगोल को गरम पानी मे घोलकर दिन मे २ बार कुल्ला करने से मुँह के छालो मे आराम होता है 
पायरिया : इसबगोल को सिरके मे मिलाकर दांतो पर मालिश करने से पायरिया के रोग मे लाभ मिलता है 

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दारू हल्दी के स्वास्थ्य लाभ

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                                                         दारू हल्दी के स्वास्थ्य लाभ 

दारू हल्दी   : पीलापन लिए हुए छोटी बड़ी गांठदार  होती है दारू हल्दी विशेषकर घावों , प्रमेह ,खुजली और रक्तविकार नाशक होता है यह त्वचा  के दोष ,जहर और आँखों  के रोगो को नष्ट करता है 
अनेक  रोगो मे उपचार 
दस्त : दारुहल्दी की जड़ की छाल और सोंठ को बराबर मात्रा मे मिलाकर पीस लेते है १ चम्मच की मात्रा दिन मे ३ बार सेवन करने से दस्त बंद हो जाते है 
श्वेतप्रदर : दारुहल्दी ,दालचीनी ,और  शहद को बराबर मात्रा मे मिलाकर १ चम्मच की मात्रा मे रोज़ाना ३ बार सेवन करने से श्वेतप्रदर मे लाभ होता है 
सूजन : दारुहल्दी का बनाया हुआ लेप २-३ बार लगाने से सूजन दूर हो जाती है और दर्द मे आराम मिलता है 
घाव  दारुहल्दी का लेप चोट और घाव पर लगाने से खून जमता नहीं और घाव जल्दी भर जाता है  
टूटी हड्डी का जुड़ना : दारुहल्दी के  चूर्ण को अंडे की सफेदी मे बराबर मात्रा मे मिलाकर २ चम्मच की मात्रा सुबह शाम सेवन करने से टूटी हड्डी शीघ्र  जुड़ जाती है 
खूनी बवासीर : दारुहल्दी का तना , जड़ और फल को बराबर मात्रा मे मिलाकर  लेप त्यार करे इसे गुदा और मस्सो पर लगाने से खूनी बवासीर के रोग मे लाभ मिलता है 
मुँह के छाले: २० ग्राम दारू हल्दी को ३०० ग्राम पानी मे उबालकर काढ़ा बना ले इस काढ़े को छानकर दिन मे २ से ३ बार कुल्ला करने पर मुँह के घाव ,छाले और दाने खतम हो जाते है  
दारू हल्दी ,हल्दी ,दालचीनी , नागरमोथा ,तथा इन्द्रजौ  का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से  गले  तथा जीभ के रोग दूर होते है 

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Thursday, 30 January 2020

सर्दी - खांसी का सरल अचूक इलाज

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                  सर्दी - खांसी का सरल अचूक इलाज 

चौथाई चम्मच दालचीनी पाउडर को १ कप पानी मे उबालकर ३ बार पीते रहने से खांसी ठीक हो जाती है तथा बलगम बनना बंद हो जाता है 
20 ग्राम दालचीनी 
 320 ग्राम मिश्री 
80 ग्राम पीपल 
40 ग्राम छोटी इलायची
160 ग्राम बंसलोचन
 को बारीक़ पीसकर छान ले इसके  बाद एक चम्मच शहद को आधा चम्मच मिश्रण मे मिलाकर सुबह शाम चाटे जो लोग शहद नहीं लेते वे गरम पानी से फंकी  करे इस उपाय से तेज व् पुराना जुकाम , पुरानी खांसी और साइनस भी ठीक हो जाता है

50 ग्राम दालचीनी पाउडर 
 25 ग्राम पीसी  मुलहठी 
50 ग्राम मुन्नका 
15 ग्राम बादाम गिरी
50 ग्राम शक्कर 
इन सबको  बारीक़ पीस ले व् मटर के दाने के समान गोली बना ले जब भी खांसी हो एक गोली चूसे  जल्दी ही खांसी जड़ से खतम हो जाएगी

कायफल के चूर्ण को दालचीनी के साथ खाने से पुरानी खांसी और काली खांसी भी दूर हो जाती है 
1 ग्राम दालचीनी 
3 ग्राम मुलहठी 
7 छोटी इलायची  को अच्छी तरह पीसकर 400 मिलीलीटर पानी मे मिलाकर आग पर पकने रख दे पकने के बाद जब पानी आधा रह जाये  तो इसमें 20 ग्राम मिश्री डालकर पीने से जुकाम दूर हो जाता है  



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दमा का आयुर्वेदिक प्राकृतिक सरल इलाज

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                    दमा का आयुर्वेदिक  प्राकृतिक सरल इलाज 
दालचीनी का छोटा सा टुकड़ा 
थोड़े से अंजीर या तुलसी के पत्ते 
नौसादर ज्वार के दाने के बराबर 
बड़ी इलायची 
४ काले मुन्नके 
स्वादानुसार मिश्री 
इन सबको मिलाकर बारीक़ पीसकर सेवन करने  से दमे के रोग मे लाभ होता है 
विधि : एक कप पानी मे सभी चीजों को लेकर उबाल लेते है जब आधा पानी रह जाये तो छानकर सुबह व् शाम को पीना चाहिए 
पीने के आधे घंटे बाद तक कुछ न खाये , पानी भी न पिए इसका सेवन करने से दमा का दौरा समाप्त हो जाता है 

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अनेक रोगो मे लाभकारी गुणों की खान दालचीनी

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               अनेक रोगो मे लाभकारी गुणों  की खान दालचीनी 

हकलाना -तुतलाना : दालचीनी को सुबह शाम चबाने से यह समस्या दूर होती है
पेट में गैस : दालचीनी पेट की गैस को कम करती है और पाचन शक्ति को बढ़ाती है २   चुटकी दालचीनी का चूर्ण पानी के साथ लेने से पेट की गैस खतम हो जाती है 
पित्त की उल्टी : दालचीनी को पीसकर शहद मे मिलाकर रोगी को पिलाने से पित्त की उल्टी बंद हो जाती है  
कब्ज : दालचीनी , सोंठ , जीरा और इलायची  थोड़ी सी मात्रा मे मिलाकर खाते रहने से कब्ज मे लाभ होता है 
अपच : २ ग्राम दालचीनी छाल के चूर्ण को  दिन मे दो बार पानी से लेने से अपच ठीक हो जाता है 
भूख न लगना: २ ग्राम दालचीनी और अजवाइन को बराबर मात्रा मे लेकर ३ भाग करके भोजन से पहले चबाने से भूख लगने लगती है 
 बालो का झड़ना : ओलिव आयल को गरम करके इसमें एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर बालो की जड़ो मे लगा ले  कुछ ही दिनों मे बाल झड़ना बंद हो जायेगा 
मूत्राशय संक्रमण : २ चम्मच दालचीनी पाउडर और एक चम्मच शहद को १ गिलास गुनगुने पानी मे मिलाकर  पिए  आराम आ जायेगा 


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Wednesday, 29 January 2020

कमर दर्द का अचूक प्राकृतिक इलाज़

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                                                      कमर दर्द का अचूक प्राकृतिक इलाज़ 



छुआरे का हलवा   
250 ग्राम गुठली रहित छुआरे
250 ग्राम भुने चने 
250 ग्राम गेहू  का आटा
60 ग्राम चिलगोजा
60 ग्राम बादाम गिरी ,
500 ग्राम गाय का घी
500 ग्राम चीनी 
2 लीटर गाय का दूध 

दूध मे छुआरों को मुलायम होने तक उबाले फिर निकालकर बारीक़ पीस ले  फिर उसी दूध मे हलकी आंच पर खोवा बनने तक पकाये गेहू के आटे को घी मे गुलाबी होने  तक भुने  फिर इसमें चने का चूर्ण व् खोवा  डालकर धीमी आंच पर गुलाबी होने तक भूने जब  खुशबू आने लगे तो इसमें शक्कर डालकर खूब अच्छी तरह मिलाये हलवा तैयार हो गया अब इसमें  ऊपर से बादाम और चिलगोजा डाले इसे रोज सुबह शाम थोड़ी मात्रा मे  खाने  से कुछ ही दिनों मे पुराना से पुराना कमर दर्द भी ठीक हो जाता है

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health benefit of chuara

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छुआरा  शरीर मे खून को बनाता  है शरीर को बलवान व् मोटा बनाता है दूध मे २ छुआरे उबालकर खाने से मांस ,बल और वीर्य बढ़ता है 

पथरी ,लकवा , पीठदर्द  मे छुआरा सेवन करना लाभदायक होता है यह मासिक-धर्म को शुरू करता है  छुआरे मे कैल्शियम अधिक मात्रा  मे पाया जाता है कैल्शियम की कमी से उत्त्पन होने वाले रोग जैसे हड्डियों की कमजोरी , दांतो का गलना आदि छुआरा खाने से ठीक हो जाता है 

पान मे छुआरा और सोंठ रखकर कुछ दिनों तक चूसने से श्वास (दमा ) दूर हो जाता है 

 १ छुआरा बिना गुठली का ,३० ग्राम जायफल और तीन ग्राम सेंधानमक को पीसकर छानकर तीन खुराक बना ले ३ दिन तक इस खुराक को १-१ करके सुबह गरम पानी के साथ लेने से गैस रोग समाप्त हो जाता है 

 छुआरे से गुठली निकालकर उसमे गुग्गल भर दे  इसके बाद छुआरे को तवे पर सेककर दूध के साथ सेवन करे  सुबह शाम १-१ छुआरा खाने से कमर दर्द मिट जाता हैं

 बिना गुठली वाले छुआरे को पीसकर इसके साथ पिस्ता , बादाम , चिरोंजी और मिश्री मिलाकर इसमें शुद्ध  घी मिलाकर रख दे १ सप्ताह बाद इसे २०-२० ग्राम की मात्रा मे सेवन करने से कमजोरी दूर हो जाती है  


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Tuesday, 28 January 2020

बाजीकरण अनुभूत योग

                                                                                                                                                                     सभी शुद्ध शक्तिवर्धक जड़ी बूटी और पाउडर खरीदने के लिए log on करें https://indianjadibooti.com











बाजीकरण अनुभूत योग: असगंध ,बड़े गोखरू , सलामपुंजा ,सफ़ेद मूसली ,विदारीकंद ,अकरकरा ,शतावरी को बराबर मात्रा मे लेकर पीसकर बारीक़ चूर्ण बनाकर रख ले इस चूर्ण की २-२ ग्राम की मात्रा सुबह -शाम मिश्री मिले हुए गरम दूध के साथ लेते रहने से पुरुष शक्ति मे वृद्धि होती है  इस योग को १कप सेब के रस के साथ मिलाकर पीते रहने से अपूर्व फायदा होता है 

५०० ग्राम मुलहठी , २०० ग्राम  आवला चूर्ण , २०० ग्राम कौंच के बीज का चूर्ण ,२०० ग्राम इमली के बीज की गिरी ,५० ग्राम छोटी पीपल को एकसाथ पीसकर रख ले सुबह शाम मिश्री मिले दूध के साथ २५ ग्राम की मात्रा  खाते रहने से पुरषो में   अपूर्व शक्ति बढ़ती  है इस प्रयोग के आधे घंटे बाद  १ गिलास सेब का जूस पीना लाभकारी होता है 



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Monday, 27 January 2020

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स्वस्थ तन स्वस्थ मन

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750 ग्राम बादाम 
250 ग्राम खोया 
डेढ़ किलो चीनी
5 ग्राम जायफल
5 ग्राम जावित्री ,
५ ग्राम केसर 
 5 ग्राम वंशलोचन
 5 ग्राम कमलाक्ष, 10 ग्राम इलायची 
10 ग्राम दालचीनी
1किलो तेजपात
10 ग्राम नागकेसर 
45 ग्राम बिदाना 
3 ग्राम लौंग को लेकर एक साथ बारीक़ पीस ले 
बादाम और खोये को घी मे भून ले इसके बाद चीनी की चासनी मे सभी औषधियों को डालकर  पका ले इसको खाने से शरीर शक्तिशाली और मजबूत होता है वायु रोग दूर होता है बुखार खत्म होने के बाद जो शरीर  मे कमजोरी आती है उस समय इसको खाने से बहुत आराम मिलता है 


















स्मरण शक्ति वर्द्धक व् आँखों के रोगो के लिए वरदान

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स्मरण शक्ति वर्द्धक
७ बादाम १० ग्राम मिश्री  को सौंफ के साथ रात को  दूध के साथ पीने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है और आँखों की रोशनी   बढ़ जाती है 
१० ग्राम भीगी बादाम गिरी १२ ग्राम माखन मे मिश्री मिलाकर एक दो माह तक लगातार खाते रहने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है 
आँखों के रोगो के लिए 
आखो मे पानी आना ,आँखे आना ,आँखों का थकना आदि रोगो मे सुबह भीगे बादाम को दूध के साथ लेने से लाभ होता है 
 मासिक धरम सम्बन्धी  विकार : १ बादाम और छुआरा रात को पानी मे भिगो दे सुबह दोनों को पीसकर माखन और मिश्री के साथ ३ महीने तक सेवन करे मासिक धरम खुलकर आने लगेगा 

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साफ स्वस्थ दांतो के लिए प्राकृतिक मंजन

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                      दांतो  का प्राकृतिक मंजन


बादाम का छिलका जलाकर उसमे नमक मिलाकर दांतो पर रगड़ने से दांत साफ़ और चमकीले हो जाते है 
सुगंध के लिए इसमें कपूर और इलायची भी मिला लेते है

बादाम के छिलके को जलाकर उसमे माजूफल , छोटी इलायची के दाने , फुलाई  हुई फिटकरी और कपूर  का १०_१० ग्राम चूर्ण बनाकर बारीक़ पीस ले इस दन्त मंजन को दांतो पर घिसने से दांत साफ़ होते है और मसूड़े भी मजबूत होते है 

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health benefits of aalobukhra

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आलूबुखारा (plum) के गुण (property)
आलूबुखारा आंतो मे चिकनाहट पैदा करता है ,पित्त ,बुखार और रक्त ज्वर  मे लाभकारी है शरीर की खुजली को दूर करता है  प्रमेह, गुल्म, और बवासीर का नाश करता है 

विभ्भिन रोगो मे उपचार 
पेट साफ़ करने के लिए :_ आलूबुखारा को पानी मे घिसकर पीने से पेट साफ़ हो जाता है 
वमन (उल्टी) : आलूबुखारे को पीसकर नीम्बू के रस मे मिलाकर उसमे कालीमिर्च ,जीरा , सोंठ ,कालानमक सेंधा नमक ,धनिए अजवाइन ,बराबर मात्रा मे मिलाकर चटनी की तरह मिलाकर खाने से उल्टी आना बंद हो जाता है 

खून की कमी : दो गिलास आलूबुखारा का रस सुबह शाम पीने से खून की कमी खतम हो जाती है
 प्यास अधिक लगना: आलूबुखारा को मुँह मे रखने से प्यास कम लगती है और गले का सूखना कम हो जाता है 

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Saturday, 25 January 2020

Top 10 ayurvedic medicines for Asthma

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  Top 10 ayurvedic medicines for Asthma

Cloves & honey:  The mix of cloves, honey and peel banana is powerful ayurvedic formulations for the patients of bronchitis. It also helps to strengthen the lungs.

Ajwain&Tulsi: In case of expectorant, the mix of ajwain, tulsi, pepper and ginger can be taken as herbal tea.

Pepper & honey: The mix of pepper and honey is wonderful in easing of asthmatic symptoms. When onion juice is added to this mix, it helps to minimize congestion and breathlessness.

Nightshade:  The juice of yellow berried night shade (7 to 10 ml) may be taken twice a day to relieve and ease from bronchial allergies.

Vasa: Vasa is a unique ayurvedic medicinal herb, which has greater impact in controlling of bronchitis. It is also a boon for cough remedy.

Turmeric: The asthmatic patient can take turmeric lukewarm water both in the morning and evening. The regular use of it is extremely beneficial not only for asthma, in fact of chronic one too. Because of its medicinal benefits, it is also known as bronchial herb.

Glycyrrhiza glabra: This medicinal plant is good for the health of entire respiratory tract. It also helps to calm down the inflammation and ensure to prevent airways obstruction.

Nagar &Bharangi: The mix of Nagar &Bharangi is good to overcome the asthmatic triggers. To reduce this, one has to take, 2-3 gram of this mix along with lukewarm water twice or thrice a day.

SitopladiChurna and liquorices: In case of severe bronchitis, it is suggested that one should take the formulation of SitopladiChurna, liquorices, borax powder and honey. It may be taken thrice a day.
Ephedra: The asthmatic patients should take the solution of Ephedra as it helps to clear the respiratory congestion thereby good relief to asthmatic person.

Top 10 tips to cure asthma naturally

Rubbing of mustard and sesame oilin the chest loosen the phlegm, eases breathing and relief.
Lukewarm water should be taken on regular basis if one feels dryness. Especially, it should be preferred before and after meal.
Chewing of chebulicmyroblan fruit is beneficial in asthmatic attack.
The use of garlic reduces the asthmatic severity.
Ginger should be taken in case of asthma. However, if somebody has expectorant feature, it is more beneficial for them. Ginger tea with garlic cloves helps to reduce the symptoms.
The mix of gooseberry and honey provides instant relief to the patient.
Honey inhaling and steam inhalation are good to clear the breathing tract.
Figs can be taken as these provide comfort by draining off the phlegm.
Lemon juice is good to reduce the severity of asthma.
Chewing basil leaves are also effective.

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पेट की गैस से परेशान है तो आज ही अपनाये यह रामबाण उपाय

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                            पेट की गैस से परेशान है तो आज ही अपनाये यह रामबाण उपाय 
गैस हर चूर्ण बनाने की विधि 
छोटी हरड़ आधा किलो ग्राम साफ़ करके छाछ मे सुबह फूलने के लिए डाल दे, अगले दिन सुबह  छाछ  मे से निकालकर, पानी से साफ़ करके छाया में एक कपडे पर डालकर सुखा दे जब सुख़ जाये तब पुनः:छाछ मे डाल दे इस तरह ३-४- ६ तक भावना दे सकते है भावना देने के बाद सुख़ जाने पर इन्हे महीन पीस ले और कपडे से छान ले इस चूर्ण मे आधा पाव अजवाइन पीस कर मिला दे तथा स्वादानुसार काला नमक मिला दे इस तरह यह चूर्ण तयार है भोजन के बाद यह चूर्ण गुनगुने जल से सेवन करे गैस की तकलीफ मे अद्वितीय है तकलीफ होने पर ५-६ मिनट मे ही आराम हो जाता है इसके सेवन से पाचन शक्ति बढ़ती है

अन्य उपचार 
१० कालीमिर्च को दरदरा कूट करआधा नीम्बू निचोड़कर रख ले फिर इस कालीमिर्च को फांक कर नीम्बू पानी पे ले गैस बनना बंद हो जायेगा

सुबह एक गिलास पानी मे २५ ग्राम पुदीना का रस व् ३० ग्राम शहद मिलाकर पीने से गैस की बीमारी मे आराम मिलेगा
 
दूध  उबालते  वक्त  इसमें छोटी पीपल  डाल दे फिर दूध पिए इससे गैस बननी बंद हो जाती है

नीम्बू की रस मे सौंफ भिगो कर रख दे खाना खाने की बाद यह सौंफ खाने से पेट का भारीपन दूर होता है गैस बननी बंद हो जाती है ज्यादा  भूख लगती है मोशन भी साफ़ होता है




Friday, 24 January 2020

आंतो की सूजन दूर करने के आयुर्वेदिक उपचार

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                                         आंतो की सूजन दूर करने के आयुर्वेदिक उपचार 

मादक द्रव्यों के सेवन  ,अधिक सड़े गले फल खाने अथवा बासी भोजन खाने से प्राय आंतो में  शोथ हो जाता है इस रोग मे रोगी के आहार
विहार पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है रोगी को हल्का आहार देना चाहिए फलो का रस व् हरी  सब्जिया अधिक लेनी चाहिए
घरेलू उपचार
कुटकी ,इन्द्र्जो ,हरड़, सोंठ, पीपरामूल ,दूध वच,पाठा की समान मात्रा लेकर पीस ले व् चूर्ण बना ले

प्रतिदिन दिन मे तीन बार इस चूर्ण का जल के साथ उपयोग करने से रक्तस्राव बंद हो जाता है 

अतीस ,सोंठ बच हरड़ नागरमोथा और सहजन की छाल बराबर मात्रा मे लेकर क्वाथ बनाकर दो तीन बार पीने से लाभ होता है 

अनार का रस भी इस रोग को शीघ्र नष्ट करता है 


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home remedies to treat bleedig gums

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Ayurveda pays significant importance to oral health and towards the practice of oral hygiene. It believes cultural scale, oral health activities such as flossing, brushing, and regular dental cleanings are important for a healthy life.

Oil pulling

Oil pulling is an ancient Ayurvedic dental technique for oral care; it involves swishing of oil in a mouth for around 20 minutes on an empty stomach. It is also known as “Kavala” or “gundusha,” a method to clean and detoxify oral health. According to Ayurveda oil pulling can help to fortify the gums, teeth, and jaw whereas preventing tooth decay.

How To Oil Pull Mouth

Take 1 tablespoon of sesame oil and put into your mouth.
Now gently swish it around for about 20 minutes.
Then spit it out, make sure that you do not gargle or swallowing the oil.
End it with rinse your mouth out with warm water; you can also use salt water for antimicrobial benefits.
Lastly, brush your teeth as usual and follow this daily in the morning, on an empty stomach.

Neem

It has been studied that neem has more than 140 compounds in it that are important for human health. Among its antibacterial, properties help in maintaining oral health by destroying bacteria that can cause plaque, cavities, and gingivitis.

How To Use Neem For Teeth And Gums

Take 2 or 3 neem leaves to grind them into a paste, add few drops of sesame seed oil. Use the paste to brush teeth a few times a week.
Take a twig from a neem tree to brush your teeth daily.
It can also be used as a mouth wash, make juice of neem leaves put it in mouth and gargle for 1-2 minutes and rinse it off with warm water.

Tulsi

Tulsi also was known as Basil has many health benefits, including respiratory and cardiovascular benefits. Besides this, it not only works as an excellent mouth freshener but also as the oral disinfectant. It has antibacterial properties that can help to destroy germs and other bacteria within the mouth which causes plaque; cavities, bad breath, etc.
In addition, Tulsi plant leaves have astringent properties that strengthen the gums and help the teeth to keep tighter, thus it protects them from falling out. It is the best remedy for fighting against bad breath, in medical terms, it is known as halitosis.

How To Use Tulsi Leaves For Teeth And Gums

Take 5-10 fresh tulsi leaves to make it into a paste, use paste to brush your teeth.
Drinking Tulsi tea is also useful, take 2 teaspoons of dried basil mix it with water and make decoction and drink. 
Take 5-10 fresh Tulsi leaves to make juice with one cup of water and gargle.

Turmeric

How To Use Turmeric For Teeth And Gums

Take 1 cup of water in a vessel bring it to boil, put ½ teaspoon of turmeric powder. Allow it to cool down, use it as a mouthwash once daily.
Take a ¼ teaspoon of turmeric powder, add few drops of water and make it as a paste. Use this paste to brush your teeth a few times a week.
Make a paste with 1 teaspoon of turmeric powder, ½ teaspoon of salt and few drops of mustard oil. Rub it on your gums and teeth once daily.


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medicine leaves in aayurved

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Tulsi Leaf (Holy Basil)

It  keeps you healthy and helps to purify the air inside your house. Today in the modern world believe has become the truth, as several Indian scientists and researchers  have stated that Tulsi has pharmacological effects.The properties in tulsi plant help to boost the immune system, central nervous system, reproductive system, gastric system, cardiovascular system, the blood biochemistry, and urinary system.Besides this tulsi leaves also have Adaptogens properties, an anti-stress agent that helps the mind to stay relax and calm.

 Tejpatta (Bay Leaves)

It is commonly known as “Tejpatta” in Hindi, “Tamal Patr” in Gujarati the leaves are mainly used whole and removed ahead of serving. It is often used in rich spicy recipes and as an element in garam masala, a blend of ground spices. Countless properties have been claimed for this herb. In Ayurveda, bay leaves are used in teas to improve and soothe respiratory problems and indigestion. Besides this, Bay leaves are traditionally used to lose weight as well as for digestive disorders such as bloating, indigestion and gas. Bay leaf has also been used as an herbal medicine for headaches. The properties in Bay leaf have as well been shown to help the body process of insulin, which aids to lower blood sugar levels.

 Neem Leaves (Azadirachta indica)

Another bitter taste plant leaves that works miracles from inside as well as out. Neem is an herb that extensively used in Ayurvedic medicines for thousands of years. It is a plant whose leaves, stem bark, root bark, flower, seed oil as well as seeds have various medicinal purposes. It has anti-fungal, antiseptic, anti-inflammatory, anti-viral and anti-bacterial properties means all in one performer for health benefits. Neem leaf pastes are externally used for injuries, ulcers and for the majority, all skin diseases such as rashes, beehive eczema, ringworm, acne, lice, etc. Internally, drinking the extract of neem leaves can be a powerful blood purifier, besides this, it has the anti-parasitic effect that helps to kill off those unwanted worms. It Is also used as the most common ayurvedic medicine for diabetes that helps to lower the blood-glucose levels.

 Nirgundi Leaves (Vitex negundo)

The word “Nirgundi in Sanskrit literally means, which protects the body from all ailments. The medicine leaves of Nirgundi plant have analgesic properties that can be very beneficial in various ailments such as Low Back Pain, Joint Disorder, Rheumatoid Arthritis (Amavata), Sciatica, Spondylosis, Osteoarthritis, etc. The oil prepared from the leaves can be applied externally; the other way is by heating a leaf and plastered it around a pain such as rheumatoid arthritis pain or sprains.

 Patharchur (Bryophyllum pinnatum)

It is one of the important plants, which is most commonly used for kidney stones. It is also known as “Patharchur,” Pashan Bheda, life plant, katakataka, a miracle leaf, etc. Beside Bryophyllum pinnatum known for treating kidney problems and urinary disorders, it is moreover, used in many ailments.  The Juice of Patharchur leaf if taken dose of 10-15 ml regularly can help to control bleeding piles as well as blood mixed diarrhea.

 Gheekumari (Aloe Vera)

According to Ayurveda Aloe, Vera is bitter in taste, which balances all three doshas and is cold in potency. It has many medicinal properties such as antioxidant properties, which are helpful in maintaining a healthy structure of the blood vessels and also vital in diabetic care. It is in addition used in menstrual problems as well as various skin problems. It is also a well-known herb that is widely used in the treatment of bleeding disorders, constipation, wound healing, the strong immune system and diseases due to Pitta aggravation.

 Curry leaves (Murraya koenigii)

A vital spice ingredient of Indian cooking that adds flavor and aroma to the cooking. Besides as flavoring, the Curry leaf is known for its varieties of healing properties. It is due to its multiple properties in it such as vitamin A, vitamin B, vitamin C, vitamin B2, iron, magnesium, copper, calcium, etc. Consuming Curry leaves helps to stimulate digestive enzymes and helps to break down food more easily. Curry leaves are also helpful in treating morning sickness during pregnancy.   To get relief from morning sickness, take 10-15 curry leaves to make juice of it, add two teaspoons of lemon juice, one teaspoon of a sugar mix well and consume in the morning. Curry leaves are also known to improve eyesight and other eyes related problems such as the development of cataract. It is effective due to it’s antioxidant’s properties and its richness in vitamin A.

Gandhatrina (Lemongrass)

Along with leaves grass also known as fever grass and gavati chaha in Marathi have its importance in Ayurvedic medicine. It has been used for thousands of years in India and other South-east Asian countries to treat a wide variety of ailments. Lemongrass is loaded with nutritional values like vitamins A and C, folic acid, folate, zinc, magnesium, iron, potassium, copper, manganese, calcium, and phosphorus. The properties in lemongrass help to fight against free radicals, an atom that can develop health problems, including heart disease.  The other health benefits of lemongrass are it provides relief from stomach disorders, respiratory disorders, insomnia, aches, fever, rheumatism, edema, infections, etc.The antioxidant properties of the lemongrass also help in maintaining cholesterol levels, reduce belly fat, nervous system, cellular health, healthy skin, and immune system.

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lemongrass health benefits

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According to ayurvedic properties, Lemongrass is (Rasa) bitter and pungent in taste, (Vipaka) pungent after digestion, and (Virya) is cool in effect.

Lemongrass is used for many ailments in Ayurveda such as for the treatment of

 loss of appetite,Mental diseases
 (Ringworm)
Jalan (Burning sensation)
 Cough, Bronchitis
Krimi (Worms)
Kushtha (Skin diseases)
Heat
 Asthma
Abdominal disorders
 Vomiting

 There are many health benefits of lemongrass that can help us to deal with common illness, in fact, it can be used easily at home and without side effects.

1. To fight skin infection
If you are currently having fungal infection on the skin or want to prevent problems, lemongrass is the best as it has antibacterial, antifungal and antiseptic properties that prevent bacteria or fungus from growing on your skin. Lemongrass is also an excellent remedy to use in pore reduction, thanks to its astringent properties, that helps the skin to remain firm and smooth.

2. To improve digestion
The lemongrass is a wonderful digestive remedy, its antiseptic properties cause the destruction of parasites and harmful bacteria that can adversely affect your digestive system. You can use lemongrass to control, it can help in the relief of common digestive diseases, such as indigestion, constipation, heartburn, vomiting, abdominal cramps, bloating, flatulence and stomach aches.

To Treat the Flu and Colds
The lemongrass is rich in vitamin C, it has antifungal and antibacterial properties, which results in the positive stimulation of the immune system, reducing the high percentage risk of infection.As a result of a cold or flu, the mucus and phlegm that accumulate in the body are very high, so consuming lemongrass tea can help to achieve the breakdown, elimination, and expulsion of all this mucus

 To Treat Depression
If you have episodes of depression, the antidepressant properties of lemongrass can be your main ally for your mental stability. It happens that the natural compounds found in lemongrass are powerful enhancers of your mood, directly facilitate the release of serotonin in your bloodstream.

To Detoxify and Clean the Body

If you want to clean, care and detoxify your body, the ideal thing would be to regularly consume lemongrass. Its diuretic effects help the effective elimination of toxins, uric acid and malignant cholesterol from the blood, directly cleaning your kidneys.The lemongrass can purify your kidneys, your liver, your bladder, and pancreas. If you use it daily, you will see that your blood circulation will improve by one hundred percent.

 To Relieve Arthritis

For all those people who suffer from arthritis, osteoarthritis, gout, rheumatism, among other diseases that involve the joints, the benefits, and properties of lemongrass will be the allies indicated to control or eradicate these diseases. All this, due to the anti-inflammatory and analgesic properties of lemongrass, which help to slow down the activity of enzymes that can cause inflammation and joint pain


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Thursday, 23 January 2020

सफ़ेद दाग, श्वेत्कुष्ट की अनुभूत दवा

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सफ़ेद दाग, श्वेत्कुष्ट की अनुभूत दवा


(
यह दवा सैंकड़ो लोगो पे आजमाई हुई है। यह नुस्खा उदासीन सम्प्रदाय के एक साधू शिवानन्द प्रवासी का है।)
खाने की दवा - बावची एक पाव् मेहँदी के बीज एक छटांक (60 ग्राम) चित्रक के जङ की छाल एक तोला (12ग्राम) तीनों को कूट के कपङछान करें। इसे तीन माशा (3 ग्राम) सुबह और तीन ग्राम शाम को खाली पेट ताजा जल के साथ लेना है।
लगाने की दवा-
जायफल गेरू बावचीचूर्ण एक एक तोला काली मिर्च तीन माशा--चरों को कूट छान के पान के चुने के निथरे पानी में तीन घंटे घोट कर बेर के समान गोली बना कर रख लें छाया में सुखा कर। इस सुखी गोली को बछिया के मूत्र में घिस कर सफ़ेद दागों पे प्रात: नहाने के बाद और रात को सोने से पहले लगाना है।
सेवन के 15-20 दिन बाद ही परमात्मा की कृपा से लाभ होना शुरू हो जाता है
(1
माशा एक ग्राम, एक तोला 12 ग्राम और एक छटांक 60 ग्राम।)
एलोपैथी चिकित्सा मे इस बीमारी का कोई इलाज नही है

 

                                                                        small harad