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जमालगोटा एक औषधिय पौधा है जो आयुर्वेद में गंजेपन, कब्ज, त्वचा कि बिमारी, दमा, सिर दर्द, फोड़े-फुंसियां जैसी कई सारी परेशानियों को खत्म करता है। जमालगोटा के रंग बाहर से लाल होता है। ये कई देशों में पाया जाता है, इसके अलावा इसे कई दूसरे नामों से भी जाना जाता है।
जमालगोटा के उपयोग या जमालगोटा के फायदे
1. चर्म रोग
नारियल के तेल में जमालगोटा को पीसकर लेप बना लीजिए और फिर इस लेप को त्वचा पर लगाए। इससे चर्मरोग या त्वचा से जुड़े रोग ख़त्म हो जाते हैं
2. सिर दर्द
सिर दर्द होने पर जमालगोटा के बीज को पीसें, पेस्ट बनाकर माथे पर लगाएं। इससे सिर का दर्द दूर हो जाता है। ध्यान रहे जमालगोटा के बीज के पेस्ट को कुछ समय बाद माथे से पोंछकर घी लगा लें नहीं तो जलन होने लगेगी।
3. आँतों के कीड़े
आँतों के कीड़ों को नष्ट हों तो 10 मिलीग्राम जमालगोटा के बीज को गर्म पानी के साथ सेवन करें। इससे आँतों के कीड़े नष्ट होते हैं।
4. बिच्छू का दंश
जमालगोटा को पानी में घिसकर काटे हुए हिस्से पर लगाएं। इससे बिच्छू का दंश ठीक हो जाता है।
5. नपुंसकता
जमालगोटा के तेल से लिंग की मालिश करें। इससे नपुंसकता दूर होती है और मैथुनशक्ति बढ़ती है।
6. फोड़े-फुंसियां और घाव
जमालगोटा और एरण्ड के बीज को बराबर की मात्रा में लेकर पीस लें। फिर इस पेस्ट में थोड़ा सा पानी मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को फोड़े-फुंसी और घाव पर लगाएं। इससे फोड़े-फुंसी और घाव ठीक हो जाते हैं।
7. गठिया रोग
जमालगोटा के तेल से गुठनों की मालिश करें। इससे गठिया रोग में लाभ मिलता है।
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