सभी शुद्ध शक्तिवर्धक जड़ी बूटी और पाउडर खरीदने के लिए log on करें https://indianjadibooti.com
आयुर्वेद के अनुसार, चोपचीनी एक बहुत ही उत्तम जड़ी-बूटी है, और इसके उपयोग द्वारा अनेक तरह के रोगों की रोकथाम की जा सकती है। आप चोपचीनी के फायदे सिर दर्द, यौन रोग, जोड़ों के दर्द, चर्म रोग के अलावा अन्य कई बीमारियों में ले सकते हैं।
What is Chopchini
चोपचीनी का स्वाद कड़वा और तीखा होता है। इसकी प्रकृति गर्म होती है। चोपचीनी पचने में हल्की, वात, पित्त तथा कफ को शान्त करता है। यह भूख बढ़ाता है, मल–मूत्र को साफ करता है, और शरीर को ताकत देता है। यह यौवन तथा यौनशक्ति को बनाए रखता है। चोबचीनी कब्ज, गैस, शरीर दर्द, गठिया आदि जोड़ों की समस्याएं को ठीक करता है।
- इसकी जड़ कंद समान, भारी गांठदार, रेशे रहित होती है। इसका प्रकन्द के उपयोग से सूजन और कैंसर के गांठों को नष्ट किया जा सकता है। इसका कोई टुकड़ा चिकना, खुरदरा या वजनदार तथा हल्का होता है। इसमें अगस्त से दिसम्बर तक फूल और फल लगते हैं।
- चोपचीनी लता जाति का वनस्पति है। चोपचीनी का पौधा (Chopchini Plant) कांटेदार, मोटे प्रकंद वाला और फैला होता है। यह जमीन पर फैलते हुए बढ़ता है। इसके पत्ते नुकीले, अण्डाकार होते हैं। इसके फूल सफेद रंग के तथा आकार में छोटे होते हैं। इसके फल चमकीले लाल रंग के, गोलाकार मांसल और रसयुक्त होते हैं।
- इसकी कई प्रजातियां होती हैं, परन्तु मुख्यतया चार प्रजातियों 1. Smilax china Linn., 2. Smilax lanceaefolia Roxb., 3.Smilax glabra Roxb., 4. Smilax zeylanica Linn. का प्रयोग चिकित्सा के लिए किया जाता है।
- अच्छे चोपचीनी की पहचान-सबसे अच्छे चोपचीनी का रंग लाल या गुलाबी होता है। स्वाद मीठा होता है। यह चमकदार और चिकना होता है। इसमें गांठें और रेशे कम होते हैं। यह भीतर तथा बाहर से एक ही रंग का होता है। यह पानी में डालने पर डूब जााता है। इसके जो टुकड़े वजन में हल्के और सफेद रंग के हों, उनको कच्चा समझना चाहिए। चोपचीनी रक्त विकार और चर्म रोगों के इलाज के लिए बहुत अधिक उपयोगी माना जाता है।
- यह मिर्गी, दिमागी विकार, सिफलिस, कमजोरी, लकवा, टीबी आदि रोगों की चिकित्सा में लाभ पहुंचाता है। चोपचीनी आंखों के लिए भी लाभकारी है। खून और वीर्य के दोषों को दूर करता है। कुष्ठ रोग को ठीक करता है। यहां चोबचीनी के फायदे (Chopchini Benefits in Hindi) आपकी भाषा और बहुत ही आसान शब्दों में लिखे गए हैं।
No comments:
Post a Comment