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बवासीर - खूनी बवासीर में अत्यंत लाभकारी ईसबगोल का प्रतिदिन सेवन आपकी इस समस्या को पूरी तरह से खत्म कर सकता है। पानी में भिगोकर इसका सेवन करना लाभदायक है।
वजन कम करने
के लिए भी
फाइबर युक्त ईसबगोल उपयोगी है। इसके
अलावा यह हृदय
को भी स्वस्थ
रखने में मदद
करता है।
अतिसार - पेट
दर्द, आंव, दस्त
व खूनी अतिसार
में भी ईसबगोल
बहुत जल्दी असर
करता है, और
आपकी तकलीफ को
कम कर देता
है ।
पाचन तंत्र - यदि आपको
पाचन संबंधित समस्या
बनी रहती है,
तो ईसबगोल आपको
इस समस्या से
निजात दिलाता है।
प्रतिदिन भोजन के पहले
गर्म दूध के
साथ ईसबगोल का
सेवन पाचन तंत्र
को दुरूस्त करता
है।
जोड़ों में दर्द - जोड़ों में
दर्द होने पर
ईसबगोल का सेवन
राहत देता है।
इसके अलावा दांत
दर्द में भी
यह उपयोगी है।
विनेगर के साथ
इसे दांत पर
लगाने से दर्द
ठीक हो जाता
है।
कफ
- कफ जमा होने
एवं तकलीफ होने
पर ईसबगोल का
काढ़ा बनाकर पिएं।
इससे कफ निकलने
में आसानी होती
है।
सर दर्द -
ईसबगोल का सेवन सिरदर्द के लिए भी उपयोगी है। नीलगिरी के पत्तों के साथ इसका लेप दर्द से राहत देता है, साथ ही प्याज के रस के साथ इसके उपयोग से कान का दर्द भी ठीक होता है।
सर दर्द -
ईसबगोल का सेवन सिरदर्द के लिए भी उपयोगी है। नीलगिरी के पत्तों के साथ इसका लेप दर्द से राहत देता है, साथ ही प्याज के रस के साथ इसके उपयोग से कान का दर्द भी ठीक होता है।
सांस की दुर्गन्ध
ईसबगोल के प्रयोग से सांस की दुर्गन्ध से बचाता है, इसके अलावा खाने में गलती से कांच या कोई और चीज पेट में चली जाए, तो ईसबगोल सकी मदद से वह बाहर निकलने में आसानी होती है।
ईसबगोल के प्रयोग से सांस की दुर्गन्ध से बचाता है, इसके अलावा खाने में गलती से कांच या कोई और चीज पेट में चली जाए, तो ईसबगोल सकी मदद से वह बाहर निकलने में आसानी होती है।
नकसीर -
नाक में से खून आने पर ईसबगोल और सिरके का सर पर लेप करना, फायदेमंद होता है।
नाक में से खून आने पर ईसबगोल और सिरके का सर पर लेप करना, फायदेमंद होता है।
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