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अखरोट स्वाद में
मधुर, स्निग्ध, शीतल, रुचिकर, भारी तथा धातु को पुष्ट करने वाली है।
औषधि प्रयोगः
दूध बढ़ाने के लिएः गेहूँ के आटे में अखरोट का
चूर्ण मिलाकर हलवा बनाकर खाने से स्तनपान कराने वाली माताओं का दूध बढ़ता है। इस
दूध में शतावरी चूर्ण भी डाला जा सकता है।
धातुस्रावः अखरोट के चूर्ण मे पुराना गुड़ मिलाकर पीने से मासिक साफ आता है और बंद हुआ मासिक भी शुरु हो जाता
है।
दाँत साफ करने हेतुः अखरोट के चूर्ण को
तिल के तेल में मिलाकर सावधानीपूर्वक दाँतों पर घिसने से दाँत सफेद होते हैं।
दंतमंजनः अखरोट की छाल को जलाकर उसका 100 ग्राम चूर्ण,
कंटीला 10 ग्राम, मुलहठी का चूर्ण 50 ग्राम, कच्ची फिटकरी का चूर्ण 5 ग्राम एवं
वायवडिंग का चूर्ण 10 ग्राम लें। इस चूर्ण में सुगन्धित कपूर मिला लें। इस मंजन से
दाँतों का सड़ना रुकता है एवं दाँतों से खून निकलता हो तो बंद हो जाता है।
अखरोट का तेलः चेहरे पर अखरोट के तेल की
मालिश करने से चेहरे का लकवा मिटता है।
इस तेल के प्रयोग से कृमि नष्ट
होते हैं। दिमाग की कमजोरी, चक्कर आना आदि दूर हो
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