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मूसली सफेद -35ग्राम.
मूसली काली -55ग्राम,
बहमन लाल -37ग्राम,
बहमन सफेद -37ग्राम,
सालम पंजा -५२ग्राम,सालम मिश्री -32ग्राम,
शुद्ध कौंच बीज -35ग्राम,
बीज बंद -45ग्राम
पीला सतावर -32ग्राम,
अस्वगंधा -30ग्राम,
उंटंगन, बीज -25ग्राम,
सालम गत्ता -20ग्राम,
रूमी मस्तगी - 25ग्राम,अकरकरा -25ग्राम,
सिंघाड़ा गिरी -25ग्राम,विधारी कंद -35 ग्राम
जायफल -35ग्राम,
दालचीनी -35ग्राम,
लौंग -35ग्राम
जाफरन -27 ग्राम
रस सिंदूर -लगभग 32ग्राम
शुद्ध शिलाजीत -60 ग्राम
बंग भस्म -40 ग्राम
मोती भस्म -25ग्राम
स्वर्ण भस्म एवं मासेप्रवाल पिष्टी -40ग्राम
सिध्मकरद्धवज -20 ग्राम
लौह भस्मसहस्त्रपुस्तति -30ग्राम
अब्रक भस्म सहस्स्त्रपुस्तति -30ग्राम,
उड़द की देसी घी में भुनी हुई दाल -175ग्राम
मूसली काली -55ग्राम,
बहमन लाल -37ग्राम,
बहमन सफेद -37ग्राम,
सालम पंजा -५२ग्राम,सालम मिश्री -32ग्राम,
शुद्ध कौंच बीज -35ग्राम,
बीज बंद -45ग्राम
पीला सतावर -32ग्राम,
अस्वगंधा -30ग्राम,
उंटंगन, बीज -25ग्राम,
सालम गत्ता -20ग्राम,
रूमी मस्तगी - 25ग्राम,अकरकरा -25ग्राम,
सिंघाड़ा गिरी -25ग्राम,विधारी कंद -35 ग्राम
जायफल -35ग्राम,
दालचीनी -35ग्राम,
लौंग -35ग्राम
जाफरन -27 ग्राम
रस सिंदूर -लगभग 32ग्राम
शुद्ध शिलाजीत -60 ग्राम
बंग भस्म -40 ग्राम
मोती भस्म -25ग्राम
स्वर्ण भस्म एवं मासेप्रवाल पिष्टी -40ग्राम
सिध्मकरद्धवज -20 ग्राम
लौह भस्मसहस्त्रपुस्तति -30ग्राम
अब्रक भस्म सहस्स्त्रपुस्तति -30ग्राम,
उड़द की देसी घी में भुनी हुई दाल -175ग्राम
इन सबको दी गई मात्रा में लेना और इन बूटियों व सभी औषधियों को धुप में सुखा लेना.इन सबके सुख जाने फिर इस इनका पीसकर एक अच्छा चूर्ण बन लें.जब ये चूर्ण बन कर पूरी तरह से तैयार हो जाए तो इस चूर्ण को बढ़िया तारीखे से साफ़ करके इसे छान लेना है और फिर इस चूर्ण रोज सुबह खाने से पहले और रात्रि के भोजन के बाद में इस चूर्ण का प्रयोग दूध के साथ करें और जब ये चूर्ण बन कर तैयार हो जाए तो उस चूर्ण का इस्तेमाल गर्म दूध के साथ मिलाकर सेवन करना है.
यह बहुत ही आसान और कारगर उपाय है. इस चमत्कारी रहस्य को जाने के बाद यदि आप इसका सेवन करते हो तो आपके कई सारे शरीर से सम्बंधित लाभ होंगे जिससे आपका मर्दाना शक्ति भी बढ़ जाएगी और इसके प्रयोग से आपको कई लाभ होंगे जैसे की इस दवा से मर्दाना कमजोरी,शीघ्रपतन,शुक्राणु की कमी, लिंग का टेढापन, संभोग की इच्छा न करना वीर्य का जल्दी निकल जाना, हस्तमैथुन की वजह से, सुस्ती, इन्द्रिय का शिथिल न हो पाना, लंबे समय तक, व वृद्ध अवस्था को रोकने इत्यादि में बहुत ही ज्यादा लाभकारी है.
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