Tuesday 26 November 2019

कायाकल्प (forever young )remedy

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जिस औषधी प्रयोग से शरीर में नयी कोशिकाएँ उत्पन्न होकर निरामय दीर्घायुष्य की प्राप्ति होती है, उस प्रयोग को कायाकल्प कहते हैं। आयुर्वेद में कायाकल्प के अनेक प्रकार के प्रयोगों का वर्णन मिलता है।

आँवला, भृंगराज, तिल व गुड़ के विधिवत सेवन से शरीर का कायाकल्प हो जाता है। यह कायाकल्प शरीर को नवजीवन प्रदान करता है।

कायाकल्प विधिः 100 ग्राम आँवला चूर्ण, 200 ग्राम भृंगराज  चूर्ण, 200 ग्राम पिसे हुए काले तिल व 1 वर्ष पुराना गुड़ अथवा शक्कर 400 ग्राम- इन सबको मिला लें।

प्रतिदिन प्रातः 11 ग्राम मिश्रण पानी के साथ लें। उसके बाद 2 घण्टे तक कुछ भी न लें। फिर दूध पियें। भोजन में दूध व चावल लें। इस प्रयोग के दौरान केवल दूध अथवा दूध-चावल का ही सेवन करना आवश्यक है। दूध देसी गाय का हो व साठी के चावल हों तो उत्तम।

लाभः कल्प शुरू करने के 1 माह बाद लाभ दिखायी देने लगते हैं। 1 महीने में सभी प्रकार के पेट के विकार ठीक हो जाते हैं। तीन महीने सेवन करने से वाणी अत्यन्त मधुर हो जाती है। स्मरणशक्ति बढ़ने लगती है। शारीरिक पीड़ा, जोड़ों का दर्द, अनिद्रा और चिड़चिड़ापन मिट जाता है।

अगर 1 वर्ष तक इसका विधिवत सेवन किया जाये तो सफेद बाल काले हो जाते हैं। दाँत मृत्युपर्यन्त दृढ़ रहते हैं। त्वचा झुर्रियों से रहित हो जाती है। श्रवणशक्ति व नेत्रज्योति तीव्र हो जाती है। बल, वीर्य, बुद्धि व स्मृति में वृद्धि होकर चिरयौवन व दीर्घ आयुष्य की प्राप्ति होती है। ईश्वर-उपासना, दानशीलता, सदाचार, परोपकार, व ब्रह्मचर्य का पूर्ण पालन करने से इस कल्प के संपूर्ण लाभ प्राप्त होते हैं।

ये सस्ता सरल कायाकल्प है…शरीर की बेकार कोशिकाएं बाहर और नई कोशिकाओं का निर्माण होगा….


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