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हरड़ के चमत्कारिक फायदे
हरड़ का पेड़ पूरे भारत मे पाया जाता है हरड़ को हरीतकी , अभया, अमृता आदि भी कहा जाता है आयुर्वेद के अनुसार हरड़ मे पांचों रस मधुर , तीखा ,कड़वा , कषैला और अम्ल पाए जाते है यह स्वाद मे कसैली, प्रकृति मे गरम , त्रिदोषनाशक , आयुवर्धक , पुस्टिकारक, पाचनशक्तिवर्द्धक ,बुद्धिप्रदायक , बलवर्धक ,पाचक, मलशोधक , वायु दूर करने वाली ,आँखों के लिए हितकारी ,बुढ़ापा दूर करने वाली होती है यह पेट के दर्द , उल्टी, हिचकी , दर्द, पेट के कीड़े , बवासीर , कब्ज , खांसी , बुखार , मलेरिया ,पथरी , आँखों के रोग , पीलिया और प्रमेह मे गुणकारी है
विभिन्न्न रोगो मे उपचार :
मुँह के छाले : छोटी हरड़ को बारीक़ पीसकर छालो पर लगाने से मुँह व् जीभ के छाले नष्ट हो जाते है
गैस : हरड़ , निशोथ , जवाखार और पीलू को बराबर मात्रा मे पीसकर चूर्ण बना ले इसमें से आधा चम्मच चूर्ण सुबह शाम खाने से लाभ होता है
छोटी हरड़ को पानी मे भिगो दे रात का खाना खाने के बाद चबाकर खाने से पेट साफ़ हो जाता है और गैस भी नहीं बनती
एक्ज़िमा : गोमूत्र मे हरड़ को पीसकर लेप त्यार करे रोजाना २-३ बार लगाने से एक्ज़िमा ठीक हो जाता है
बच्चो के पेट के रोग :हर हफ्ते हरड़ को घिसकर एक चौथाई चम्मच की मात्रा मे शहद के साथ सेवन कराते रहने से बच्चो के पेट के सारे रोग दूर हो जाते है
बुद्धि के लिए : भोजन के दौरान सुबह शाम आधा चम्मच की मात्रा मे हरड़ का चूर्ण सेवन करते रहने से बुद्धि और शारीरिक बल मे वृद्धि होती है
खांसी : हरड़ और बहेड़ा का चूर्ण शहद के साथ लेना चाहिए
दर्द : हरड़ का चूर्ण घी और गुड़ के साथ देना चाहिए
आँख के रोग : त्रिफला चूर्ण के साथ आधा चम्मच हरड़ का चूर्ण घी के साथ ले इससे नेत्रों के रोगो मे लाभ मिलता है
पेशाब की जलन : हरड़ के चूर्ण मे शहद मिलाकर चाटकर खाने से , पेशाब करते समय होने वाली जलन और दर्द खत्म हो जाता है
आंत्रवृद्धि : हरड़ के बारीक़ चूर्ण मे कालानमक ,अजवाइन , और हींग मिलाकर ५ ग्राम की मात्रा मे सुबह -शाम हलके गर्म पानी के साथ खाने या इस चूर्ण का काढ़ा बनाकर पीने से आंत्रवृद्धि की विकृति ख़त्म होती है
हरड़ ,मुलहठी, सौंठ १-१ ग्राम पाउडर रात को पानी के साथ खाने से लाभ होता है
श्वास या दमा रोग : हरड़ ,बहेड़ा ,आमला और छोटी पीपल चारो को बराबर मात्रा मे लेकर उसका चूर्ण तैयार कर लेते है इसे एक ग्राम तक की मात्रा मे शहद के साथ मिलाकर चाटने से श्वास युक्त खांसी खत्म हो जाती है
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हरड़ के चमत्कारिक फायदे
हरड़ का पेड़ पूरे भारत मे पाया जाता है हरड़ को हरीतकी , अभया, अमृता आदि भी कहा जाता है आयुर्वेद के अनुसार हरड़ मे पांचों रस मधुर , तीखा ,कड़वा , कषैला और अम्ल पाए जाते है यह स्वाद मे कसैली, प्रकृति मे गरम , त्रिदोषनाशक , आयुवर्धक , पुस्टिकारक, पाचनशक्तिवर्द्धक ,बुद्धिप्रदायक , बलवर्धक ,पाचक, मलशोधक , वायु दूर करने वाली ,आँखों के लिए हितकारी ,बुढ़ापा दूर करने वाली होती है यह पेट के दर्द , उल्टी, हिचकी , दर्द, पेट के कीड़े , बवासीर , कब्ज , खांसी , बुखार , मलेरिया ,पथरी , आँखों के रोग , पीलिया और प्रमेह मे गुणकारी है
विभिन्न्न रोगो मे उपचार :
मुँह के छाले : छोटी हरड़ को बारीक़ पीसकर छालो पर लगाने से मुँह व् जीभ के छाले नष्ट हो जाते है
गैस : हरड़ , निशोथ , जवाखार और पीलू को बराबर मात्रा मे पीसकर चूर्ण बना ले इसमें से आधा चम्मच चूर्ण सुबह शाम खाने से लाभ होता है
छोटी हरड़ को पानी मे भिगो दे रात का खाना खाने के बाद चबाकर खाने से पेट साफ़ हो जाता है और गैस भी नहीं बनती
एक्ज़िमा : गोमूत्र मे हरड़ को पीसकर लेप त्यार करे रोजाना २-३ बार लगाने से एक्ज़िमा ठीक हो जाता है
बच्चो के पेट के रोग :हर हफ्ते हरड़ को घिसकर एक चौथाई चम्मच की मात्रा मे शहद के साथ सेवन कराते रहने से बच्चो के पेट के सारे रोग दूर हो जाते है
बुद्धि के लिए : भोजन के दौरान सुबह शाम आधा चम्मच की मात्रा मे हरड़ का चूर्ण सेवन करते रहने से बुद्धि और शारीरिक बल मे वृद्धि होती है
खांसी : हरड़ और बहेड़ा का चूर्ण शहद के साथ लेना चाहिए
दर्द : हरड़ का चूर्ण घी और गुड़ के साथ देना चाहिए
आँख के रोग : त्रिफला चूर्ण के साथ आधा चम्मच हरड़ का चूर्ण घी के साथ ले इससे नेत्रों के रोगो मे लाभ मिलता है
पेशाब की जलन : हरड़ के चूर्ण मे शहद मिलाकर चाटकर खाने से , पेशाब करते समय होने वाली जलन और दर्द खत्म हो जाता है
आंत्रवृद्धि : हरड़ के बारीक़ चूर्ण मे कालानमक ,अजवाइन , और हींग मिलाकर ५ ग्राम की मात्रा मे सुबह -शाम हलके गर्म पानी के साथ खाने या इस चूर्ण का काढ़ा बनाकर पीने से आंत्रवृद्धि की विकृति ख़त्म होती है
हरड़ ,मुलहठी, सौंठ १-१ ग्राम पाउडर रात को पानी के साथ खाने से लाभ होता है
श्वास या दमा रोग : हरड़ ,बहेड़ा ,आमला और छोटी पीपल चारो को बराबर मात्रा मे लेकर उसका चूर्ण तैयार कर लेते है इसे एक ग्राम तक की मात्रा मे शहद के साथ मिलाकर चाटने से श्वास युक्त खांसी खत्म हो जाती है
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