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नागकेसर का रंग पीला होता है नागकेसर खाने मे कषैला , रुखा और हल्का होता है यह एक पेड़ का फूल है इसकी सुगंध तेज होती है नागकेसर ठंडी प्रकृति वाले व्यक्तियों के लिए लाभकारी है यह मोटापे को दूर करके रक्तशोधक होता है दांतो को मजबूत और ताकतवर बनाता है
विभिन्न रोगो मे उपचार : कफ वाली खाँसी मे 1 ग्राम नागकेसर को माखन और मिश्री के साथ सुबह शाम रोगी को सेवन कराने से खांसी नष्ट होती है
बवासीर : नागकेसर का चूर्ण ६ ग्राम , माखन १० ग्राम, और मिश्री ६ ग्राम लेकर मिला ले इस मिश्रण को ६-७ दिनों तक रोज़ाना चाटने से खून का गिरना बंद हो जाता है
मासिक धरम सम्बन्धी विकार : नागकेसर ,सफ़ेद चन्दन ,अशोक की छाल सभी को 10-10 ग्राम की मात्रा मे लेकर चूर्ण बना ले फिर इसमें से 1 चम्मच चूर्ण सुबह शाम 1 चम्मच ताजे पानी के साथ सेवन करने से मासिक धरम के विकारो मे लाभ मिलता है
प्रदर रोग : 40 ग्राम नागकेसर , 30 ग्राम मुलहठी ,30 ग्राम राल, 100 ग्राम मिश्री ले कर कूट छानकर चूर्ण बना ले इसे 3-4 ग्राम की मात्रा मे मिश्री मिले ग्राम दूध के साथ सुबह शाम सेवन करने से सभी प्रकार के प्रदर रोग मिट जाते है
जुकाम : नागकेसर के पत्तो का लेप सर पर लगाने से बहुत तेज जुकाम भी ठीक हो जाता है
गठिया रोग : नागकेसर के तेल के बीजो की मालिश करने से गठिया रोग दूर हो जाता है
गैस : नागकेसर की जड़ और छाल को मिलाकर काढ़ा बना ले रोज़ाना दिन मे २ से ३ बार सेवन करने से गैस मे
लाभ होता है
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नागकेसर का रंग पीला होता है नागकेसर खाने मे कषैला , रुखा और हल्का होता है यह एक पेड़ का फूल है इसकी सुगंध तेज होती है नागकेसर ठंडी प्रकृति वाले व्यक्तियों के लिए लाभकारी है यह मोटापे को दूर करके रक्तशोधक होता है दांतो को मजबूत और ताकतवर बनाता है
विभिन्न रोगो मे उपचार : कफ वाली खाँसी मे 1 ग्राम नागकेसर को माखन और मिश्री के साथ सुबह शाम रोगी को सेवन कराने से खांसी नष्ट होती है
बवासीर : नागकेसर का चूर्ण ६ ग्राम , माखन १० ग्राम, और मिश्री ६ ग्राम लेकर मिला ले इस मिश्रण को ६-७ दिनों तक रोज़ाना चाटने से खून का गिरना बंद हो जाता है
मासिक धरम सम्बन्धी विकार : नागकेसर ,सफ़ेद चन्दन ,अशोक की छाल सभी को 10-10 ग्राम की मात्रा मे लेकर चूर्ण बना ले फिर इसमें से 1 चम्मच चूर्ण सुबह शाम 1 चम्मच ताजे पानी के साथ सेवन करने से मासिक धरम के विकारो मे लाभ मिलता है
प्रदर रोग : 40 ग्राम नागकेसर , 30 ग्राम मुलहठी ,30 ग्राम राल, 100 ग्राम मिश्री ले कर कूट छानकर चूर्ण बना ले इसे 3-4 ग्राम की मात्रा मे मिश्री मिले ग्राम दूध के साथ सुबह शाम सेवन करने से सभी प्रकार के प्रदर रोग मिट जाते है
जुकाम : नागकेसर के पत्तो का लेप सर पर लगाने से बहुत तेज जुकाम भी ठीक हो जाता है
गठिया रोग : नागकेसर के तेल के बीजो की मालिश करने से गठिया रोग दूर हो जाता है
गैस : नागकेसर की जड़ और छाल को मिलाकर काढ़ा बना ले रोज़ाना दिन मे २ से ३ बार सेवन करने से गैस मे
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