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काली मिर्च का प्रयोग अनेक प्रकार के रोगो को दूर करने के लिए किया जाता है कालीमिर्च तेज व् हलकी चरपरी होती है यह भोजन के प्रति रुचि पैदा करने वाली ,स्वाद को बढ़ाने वाली ,कफ को समाप्त करने वाली ,पाचन शक्ति को बढ़ाने वाली तथा वातदोष गैस को नाश करने वाली होती है यह कीड़ो को नष्ट करती है ,दर्द और खांसी को दूर करती है यह हिरदय के लिए भी लाभकारी है
सीताफल के १० से १२ बीज व् ५ -६ काली मिर्च को मिलाकर पीस ले और इसे सरसो के तेल मे मिलाकर लेप त्यार कर ले यह लेप रात को सोने से पहले बालो की जड़ो मे लगाए और सुबह बालो को धोये इस तरह कुछ दिनों तक यह प्रयोग करने से जुए खतम होती है
कालीमिर्च ,लौंग और तुलसी के पत्ते को पानी के साथ पीसकर लेप बनाकर माथे पर लगाने से सिरदर्द मे जल्दी लाभ मिलता है
माइग्रेन से पीड़ित रोगी को १० ग्राम काली मिर्च चबाचबा कर खाना चाहिए और उप्पर से २५ ग्राम देसी घी पीना चाहिए इससे माइग्रेन मे जल्दी आराम मिलता है
८ कालीमिर्च को पीसकर लगभग ३० ग्राम माखन और चीनी के साथ मिलाकर चाटने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है
काली मिर्च १० ग्राम , मुलेठी १० ग्राम तथा मिश्री २० ग्राम इन सभी को पीसकर चूर्ण बना ले चुटकी भर चूर्ण शहद के साथ सुबहा शाम खाये इसके सेवन से गला साफ़ होता है और आवाज सुरीली बनती है
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एक निम्बू को बीच से काटकर दो ट्कड़े कर ले और फिर इसके एक टुकड़े को बिना काटे ४ भाग मे बाँट ले अब इसके एक भाग मे कालीमिर्च का चूर्ण , दूसरे में सोंठ का चूर्ण तीसरे व् चौथे मे मिश्री या चीनी डालकर रात को एक प्लेट मे रखकर ढक दे सुबह उठकर इससे तवे पर गर्म करके चूसने से पाचनशक्ति मजबूत होती है और भूख भी लगती है
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सीताफल के १० से १२ बीज व् ५ -६ काली मिर्च को मिलाकर पीस ले और इसे सरसो के तेल मे मिलाकर लेप त्यार कर ले यह लेप रात को सोने से पहले बालो की जड़ो मे लगाए और सुबह बालो को धोये इस तरह कुछ दिनों तक यह प्रयोग करने से जुए खतम होती है
कालीमिर्च ,लौंग और तुलसी के पत्ते को पानी के साथ पीसकर लेप बनाकर माथे पर लगाने से सिरदर्द मे जल्दी लाभ मिलता है
माइग्रेन से पीड़ित रोगी को १० ग्राम काली मिर्च चबाचबा कर खाना चाहिए और उप्पर से २५ ग्राम देसी घी पीना चाहिए इससे माइग्रेन मे जल्दी आराम मिलता है
८ कालीमिर्च को पीसकर लगभग ३० ग्राम माखन और चीनी के साथ मिलाकर चाटने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है
काली मिर्च १० ग्राम , मुलेठी १० ग्राम तथा मिश्री २० ग्राम इन सभी को पीसकर चूर्ण बना ले चुटकी भर चूर्ण शहद के साथ सुबहा शाम खाये इसके सेवन से गला साफ़ होता है और आवाज सुरीली बनती है
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