Tuesday, 4 February 2020

benefits of jatamansi

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जटामांसी   हिमालय मे उगने वाली एक मशहूर औषधि   है इसे जटामांसी इसलिए कहते है क्योकि इसकी जड़ मे बाल जैसे तंतु लगे  होते है

जटामांसी के लाभ :

उच्च रक्तचाप :   जटामांसी ,ब्राह्मी और अश्वगंधा का चूर्ण समान मात्रा  मे  मिलाकर 1-1  चम्मच की मात्रा की मात्रा मे  दिन मे तीन बार ले 

नींद न आना : 1 चम्मच जटामांसी पाउडर रात को सोने से एक घंटा पहले ताजे पानी के साथ ले  इससे नींद न आने की बीमारी दूर हो जाती है

 पेट मे दर्द : जटामांसी 200 ग्राम , मिश्री 200 ग्राम शीतलचीनी 50 ग्राम सौंफ 50 ग्राम सौंठ 50 ग्राम और दालचीनी 50 ग्राम को मिश्री के साथ पीसकर चूर्ण बना ले इसे 3  ग्रामं की मात्रा मे सुबह और शाम सेवन करने से पेट के दर्द मे लाभ होता है

 मुँह की दुर्गन्ध : जटामांसी , सौंफ ,नरकचूर, बड़ी इलायची , सफ़ेद जीरा , और बालछड़ 10-10 ग्राम लेकर कूट ले इसमें 70 ग्राम खांड मिलाकर रखे प्रतिदिन 5-5 ग्राम मिश्रण पानी के साथ सुबह शाम खाने से मुँह की बदबू व् मुँह मे लार आना बंद हो जाता है

रक्तपित्त: जटामांसी चूर्ण 600 मिलीग्राम से 1 ग्राम  नौसादर के साथ सुबह शाम खाने से रक्तपित्त और खून की उल्टी ठीक हो जाती है   





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