Friday, 14 February 2020

benefit of ral gond

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राल यह शाल वृक्ष का गोंद है यह तीखा ,ठंडा ,रस से  भरा हुआ ,खून के रोग , कुष्ठ  तथा जलन और अतिसार को खतम करता  है

विभिन्न रोगो मे उपचार :

खांसी : लगभग आधे से १ ग्राम राल को छोटी पीपल , अडूसा ,शहद , और घी के साथ मिलाकर सुबह शा
म सेवन करने से खांसी के रोग मे लाभ होता है

दस्त के लिए : १ ग्राम राल को शहद के साथ दिन मे दो बार सेवन करने से लाभ होता है

बवासीर : ६० ग्राम पीली राल लेकर बारीक़ पीसकर चूर्ण बना ले रोज़ सुबह इस ७ ग्राम चूर्ण को १२५ ग्राम दही  मे मिलाकर खाये  यह खूनी बवासीर के साथ सभी प्रकार की बवासीर को ठीक करता है

प्रदर रोग : १ ग्राम सफ़ेद राल मे ४ ग्राम चीनी मिलाकर सुबह शाम दूध के साथ खाने से प्रदर रोग मे लाभ मिलता है

घाव : ४ ग्राम राल के चूर्ण को ४० ml  नारियल के तेल मे अच्छी तरह से मिलाकर व् कपडे से छानकर रखे इसे जलने से हुए घाव पर लगाने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है

खाज खुजली : ४ भाग राल , ४ भाग मोम , ४ भाग तिल का तेल और ३ भाग घी को गरम करके मिला दे और उसका लेप बना ले यह लेप लगाने  से  खाज खुजली ठीक हो जाती है

शरीरको शक्तिशाली बनाना: १० गरम राल के चूर्ण को फांककर ऊपर से लगभग  500ml गरम दूध पीने से शरीर मे ताकत आती है


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