सभी शुद्ध शक्तिवर्धक जड़ी बूटी और पाउडर खरीदने के लिए log on करें https://indianjadibooti.com
फिटकरी के गुण : शरीर की त्वचा ,नाक,आँखे ,मूत्रांग पर इसका बाह्य प्रयोग किया जाता है खून बहना ,दस्त , कुकरखांसी , तथा दमा मे इसके आंतरिक सेवन से लाभ मिलता है दाढ़ी बनाने , बाल काटने के बाद फिटकरी रगड़े जहा पर चीटिया या दीमक हो वह पर सरसो का तेल लगाकर फिटकरी को डालने से चीटिया व् दीमक नहीं आती
विभिन्न रोगो मे उपचार :
टॉन्सिल का बढ़ना : 5 ग्राम फिटकरी और 5 ग्राम नीले थोथे को अच्छी तरह से पकाकर इसके अंदर 25 ग्राम गिलीसरीन मिलाकर रख ले फिर साफ़ रुई से इसे गले के अंदर लगाने और लार टपकाने से टॉंसिलो की सूजन समाप्त हो जाती है
खूनी बवासीर : भूनी फिटकरी 10 ग्राम ,रसौत 10 ग्राम और 20 ग्राम गेरू को पीसकूट व् छान ले इसे रोज़ 3-3 ग्राम की मात्रा मे सुबह शाम खाने से खूनी बवासीर मे लाभ मिलता है
घाव : २ ग्राम भूनी हुई फिटकरी ,२ ग्राम सिन्दूर और 4 ग्राम मुर्दासंग लेकर चूर्ण बना ले 120 mg मोम और 30 ग्राम गहि को मिलाकर धीमी आग पर पका ले फिर इसमें बाकि वस्तुओ का चूर्ण मिला ले इस तैयार मलहम को घाव पर लगाने से सभी प्रकार के घाव ठीक हो जाते ही
दांतो का दर्द : भूनी फिटकरी , सरसो का तेल , सेंधा नमक , नौसादर ,सांभर नमक 10-10 ग्राम तथा तूतिया 6 ग्राम को मिलाकर बारीक पीसकर कपडे से छान ले इसे दांतो पर मलने से दांतो का दर्द , हिलना ,तीस मारना, मसूड़ों का फूलना ,तथा पायरिया रोग ठीक हो जाता है
श्वास दमा : आधा ग्राम पीसी हुई फिटकरी शहद मे मिलाकर चाटने से दमा ,खांसी मे आराम आता है
सोंठ 1 गांठ , फूली हुई सफ़ेद फिटकरी 2 ग्राम ,हल्दी 1 गांठ ,5 कालीमिर्च को चीनी मे मिलाकर खाने से श्वास और खांसी दूर हो जाती है
फिटकरी के गुण : शरीर की त्वचा ,नाक,आँखे ,मूत्रांग पर इसका बाह्य प्रयोग किया जाता है खून बहना ,दस्त , कुकरखांसी , तथा दमा मे इसके आंतरिक सेवन से लाभ मिलता है दाढ़ी बनाने , बाल काटने के बाद फिटकरी रगड़े जहा पर चीटिया या दीमक हो वह पर सरसो का तेल लगाकर फिटकरी को डालने से चीटिया व् दीमक नहीं आती
विभिन्न रोगो मे उपचार :
टॉन्सिल का बढ़ना : 5 ग्राम फिटकरी और 5 ग्राम नीले थोथे को अच्छी तरह से पकाकर इसके अंदर 25 ग्राम गिलीसरीन मिलाकर रख ले फिर साफ़ रुई से इसे गले के अंदर लगाने और लार टपकाने से टॉंसिलो की सूजन समाप्त हो जाती है
खूनी बवासीर : भूनी फिटकरी 10 ग्राम ,रसौत 10 ग्राम और 20 ग्राम गेरू को पीसकूट व् छान ले इसे रोज़ 3-3 ग्राम की मात्रा मे सुबह शाम खाने से खूनी बवासीर मे लाभ मिलता है
घाव : २ ग्राम भूनी हुई फिटकरी ,२ ग्राम सिन्दूर और 4 ग्राम मुर्दासंग लेकर चूर्ण बना ले 120 mg मोम और 30 ग्राम गहि को मिलाकर धीमी आग पर पका ले फिर इसमें बाकि वस्तुओ का चूर्ण मिला ले इस तैयार मलहम को घाव पर लगाने से सभी प्रकार के घाव ठीक हो जाते ही
दांतो का दर्द : भूनी फिटकरी , सरसो का तेल , सेंधा नमक , नौसादर ,सांभर नमक 10-10 ग्राम तथा तूतिया 6 ग्राम को मिलाकर बारीक पीसकर कपडे से छान ले इसे दांतो पर मलने से दांतो का दर्द , हिलना ,तीस मारना, मसूड़ों का फूलना ,तथा पायरिया रोग ठीक हो जाता है
श्वास दमा : आधा ग्राम पीसी हुई फिटकरी शहद मे मिलाकर चाटने से दमा ,खांसी मे आराम आता है
सोंठ 1 गांठ , फूली हुई सफ़ेद फिटकरी 2 ग्राम ,हल्दी 1 गांठ ,5 कालीमिर्च को चीनी मे मिलाकर खाने से श्वास और खांसी दूर हो जाती है
No comments:
Post a Comment