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खून की सफाई में कारगर
यह औषधीय पौधा बहुत सी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। यह शुगर (डायबिटीज) पर नियंत्रण में उपयोगी है और आपके बालों की देखभाल और वृद्धि में लाभ पहुंचाता है। साथ ही चर्म रोगों में फायदेमंद है। यह आपके कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। यह खून की सफाई में कारगर है और पेट के कीड़े नष्ट करता है। कुष्ठ रोगियों को भी इससे लाभ हुआ है। यूरिन संबंधी समस्याओं के निदान के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यह गर्भाशय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, मेथी और अजवाइन के साथ लेने पर वजन घटाने में उपयोगी और जहरीले जीवों के काटने या डंक लगने पर इसका उपयोग लाभ देता है। काली जीरी का उपयोग गठिया, हड्डियां, आँखों की समस्याओं के निदान, और बालों के विकास आदि के लिए भी किया जा सकता है।
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वजन घटाने के लिए भी है प्रभावी
काली जीरी में आपकी पाचन शक्ति बढ़ाने की क्षमता है। जिन लोगों को कब्ज या पेट वाली बीमारियाँ है वे इसमें दो अन्य औषधियां मिलाकर प्रयोग करें। इस मिश्रण को त्रियोग कहा जाता है। तीनों औषधियों में मैथीदाना, जमाण और काली जीरी का सही अनुपात होता है। यह तीनों चीजें आपको आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। वजन घटाने के लिए भी यह प्रभावी मानी जाती है। इसके लिए आप 20 ग्राम काली जीरी को 100 ग्राम मेथी और 40 ग्राम अजवाइन में मिलाएं, और सभी को हल्के से भून लें। इसके बाद इस मिश्रण को हवाबंद डिब्बे में रखें, ताकि ये हवा के संपर्क में लगातार न रहे। रोज सोने के पूर्व हल्के गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। यह महिलाओं के लिए वजन घटाने का एक विशेष उपाय है, इस पाउडर से पाचन में भी सुधार होता है।
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चरक संहिता में बताया गया है कि स्पष्ट है कि शरीर में कैसा भी जहर हो काली जीरी उसको नष्ट करने की क्षमता रखती है। इसमें शरीर में मौजूद हर प्रकार के कीड़ों को नष्ट करने की भी मारक क्षमता है। 5 ग्राम काली जीरी लेकर उसको 200 ग्राम पानी में धीमी आंच पर उबालें। जब पानी की मात्रा घटकर 100 ग्राम बच जाए तो उसको थोड़ा ठंडा करके पी जाएँ। लेकिन याद रखें, ये बहुत कड़वा होता है। केवल 5-6 दिन तक पीना पर्याप्त होता है। इसकी तासीर गर्म होती है ।
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काली जीरी :
काली जीरी एक छोटे आकार का, औषधीय गुणों से भरपूर पौधा होता है। काली जीरी स्वाद में तीखी और तेज होती है हमारे मन और मस्तिष्क को ज्यादा उत्तेजित करती है। चरक संहिता में स्पष्ट उल्लेख है कि शरीर में कैसा भी जहर हो काली जीरी उसको नष्ट करने की क्षमता रखती है। हालांकि यह सामान्य जीरे की ही तरह है, लेकिन इसका रंग काला होता है और यह आम जीरे से मोटा होता है।
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खून की सफाई में कारगर
यह औषधीय पौधा बहुत सी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। यह शुगर (डायबिटीज) पर नियंत्रण में उपयोगी है और आपके बालों की देखभाल और वृद्धि में लाभ पहुंचाता है। साथ ही चर्म रोगों में फायदेमंद है। यह आपके कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। यह खून की सफाई में कारगर है और पेट के कीड़े नष्ट करता है। कुष्ठ रोगियों को भी इससे लाभ हुआ है। यूरिन संबंधी समस्याओं के निदान के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यह गर्भाशय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, मेथी और अजवाइन के साथ लेने पर वजन घटाने में उपयोगी और जहरीले जीवों के काटने या डंक लगने पर इसका उपयोग लाभ देता है। काली जीरी का उपयोग गठिया, हड्डियां, आँखों की समस्याओं के निदान, और बालों के विकास आदि के लिए भी किया जा सकता है।
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वजन घटाने के लिए भी है प्रभावी
काली जीरी में आपकी पाचन शक्ति बढ़ाने की क्षमता है। जिन लोगों को कब्ज या पेट वाली बीमारियाँ है वे इसमें दो अन्य औषधियां मिलाकर प्रयोग करें। इस मिश्रण को त्रियोग कहा जाता है। तीनों औषधियों में मैथीदाना, जमाण और काली जीरी का सही अनुपात होता है। यह तीनों चीजें आपको आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। वजन घटाने के लिए भी यह प्रभावी मानी जाती है। इसके लिए आप 20 ग्राम काली जीरी को 100 ग्राम मेथी और 40 ग्राम अजवाइन में मिलाएं, और सभी को हल्के से भून लें। इसके बाद इस मिश्रण को हवाबंद डिब्बे में रखें, ताकि ये हवा के संपर्क में लगातार न रहे। रोज सोने के पूर्व हल्के गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। यह महिलाओं के लिए वजन घटाने का एक विशेष उपाय है, इस पाउडर से पाचन में भी सुधार होता है।
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चरक संहिता में बताया गया है कि स्पष्ट है कि शरीर में कैसा भी जहर हो काली जीरी उसको नष्ट करने की क्षमता रखती है। इसमें शरीर में मौजूद हर प्रकार के कीड़ों को नष्ट करने की भी मारक क्षमता है। 5 ग्राम काली जीरी लेकर उसको 200 ग्राम पानी में धीमी आंच पर उबालें। जब पानी की मात्रा घटकर 100 ग्राम बच जाए तो उसको थोड़ा ठंडा करके पी जाएँ। लेकिन याद रखें, ये बहुत कड़वा होता है। केवल 5-6 दिन तक पीना पर्याप्त होता है। इसकी तासीर गर्म होती है ।
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