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भिलावा और भिलावा रसायन
भिलावा एक ऐसा फल है जिसमें कैंसर को जड़ से खतम कर देने की ताकत रखता है ।
यह फल कफनाशक, पित्त नाशक और वातनाशक भी है। यह हृदय रोग, आमाशय रोग, दन्त रोग और पुराने बुखार को भी ठीक करता है।यह सांप के जहर को मारता है। यह चर्म रोग को भी सही करता है।कोई घाव सड़ गया हो तो इसी भिलावे के तेल से वह सही हो जाता है और अंग काटने की नौबत नहीं आती।तिल्ली या लीवर बढ़ गया हो तो भिलावा रामबाण औषध है।यदि कफ के साथ रक्त आ रहा है तो फौरन भिलावे की शरण में जाएँ।
इसके इतने सारे फायदे हैं किंतु अन्य लेखों की तरह यह बताया नही जा सकता दवाएं किस तरह से बनाएं , भिलावे की किसी दवा की निर्माण विधि नहीं लिखी जा सकती क्योंकि यह बहुत खतरनाक चीज है ।इसका तेल ज़रा सा भी शरीर मे कहीं पर लग जाए तो छाले और जलन महीनो तक परेशान करती है।
यह फल कफनाशक, पित्त नाशक और वातनाशक भी है। यह हृदय रोग, आमाशय रोग, दन्त रोग और पुराने बुखार को भी ठीक करता है।यह सांप के जहर को मारता है। यह चर्म रोग को भी सही करता है।कोई घाव सड़ गया हो तो इसी भिलावे के तेल से वह सही हो जाता है और अंग काटने की नौबत नहीं आती।तिल्ली या लीवर बढ़ गया हो तो भिलावा रामबाण औषध है।यदि कफ के साथ रक्त आ रहा है तो फौरन भिलावे की शरण में जाएँ।
इसके इतने सारे फायदे हैं किंतु अन्य लेखों की तरह यह बताया नही जा सकता दवाएं किस तरह से बनाएं , भिलावे की किसी दवा की निर्माण विधि नहीं लिखी जा सकती क्योंकि यह बहुत खतरनाक चीज है ।इसका तेल ज़रा सा भी शरीर मे कहीं पर लग जाए तो छाले और जलन महीनो तक परेशान करती है।
भिलावा रसायन के फायदे जो अगस्त्य मुनि ने बताये हैं और भैषज्य रत्नावली में उद्धृत हैं-------
इस रसायन के प्रताप से रोगी हाथी के समान बलवान, घोड़े के समान वेगवान और बृहस्पति से भी अधिक बुद्धिमान हो जाता है।बड़े बड़े ग्रन्थ को समझ लेता है और याद कर लेता है।500 वर्ष तक जीता है।इससे सभी कुष्ठ रोग अवश्य दूर हो जाते हैं।मनुष्य सुवर्ण के समान कांतिमान हो जाता है।टूटे दांत निकल आते हैं और सफ़ेद बाल भी काले हो जाते हैं, मोर के समान उत्तम स्वर हो जाता है।प्रसन्न इन्द्रियों वाला और विशेष प्रतिभाशाली हो जाता है।नवयौवन चिरस्थायी हो जाता है।
ठंड के मौसम मे 3 माह यदि भिलावा रसायन खा लिया जाए तो आप अपने शरीर के साथ वास्तविक न्याय करेंगे।शरीर हमेशा खिला खिला सा रहेगा।अनेक छोटी छोटी समस्याएं स्वतः समाप्त हो जाएंगी।इम्युनिटी तो बढ़ेगी ही।
मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाको में इसका बहुत सेवन होता है। आदिवासी लोग इसको भून कर इसके अंदर की गिरी खाते है।पर इसकी एक गिरी एक दिन मे पचना भी मुश्कील होता है। इसे खाने का आसान तरीका भिलावा रसायन ही है जो सुरक्षित है और स्वादिष्ट भी।
मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाको में इसका बहुत सेवन होता है। आदिवासी लोग इसको भून कर इसके अंदर की गिरी खाते है।पर इसकी एक गिरी एक दिन मे पचना भी मुश्कील होता है। इसे खाने का आसान तरीका भिलावा रसायन ही है जो सुरक्षित है और स्वादिष्ट भी।
उम्र को बहुत तेजी से थामता है भिलावा रसायन।
होम्योपैथिक में भिलावा
कुचला NUX VOMICA::
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“भिलावा” यानी Poison Nut का नाम सुना होगा | आज भी ग्रामीण क्षेत्र के कपडे धोने वाले धोबी यानी washer man इसी भिलावा के जूस का उपयोग कपड़ॊ पर निशान या पहचान के लिये लगाते हैं | इसका लगाया निशान इतना पक्का होता है कि यह उबालने या किसी भी साबुन से धुलता नहीं और जैसे को तैसा बना रहता है | एक और खास बात यह है कि अगर इसका रस जो एक तैलीय पदार्थ जैसा होता है , कहीं शरीर की त्वचा में लग जाय तो यह वहां फफोले पैदा कर देता है | इसे उबालते समय अग्र इसकी भाप शरीर की त्वचा पर लग जाय तो वहां पर पानी भरे छाले पैदा हो जाते है|
इस से होमियोपेथिक दवा नक्स वोमिका नाम से बनाई जाती है |
भागम भाग जिदगी को बिताने वाले लोग, दारू पीने वाले लोग, स्त्रियों के साथ रोजाना रात बिताने वाले लोग, खून खराबा करने मे विश्वास करने वाले लोग, अत्यधिक सम्भोग करने वाले लोग, जो खाम खाह बिला वजह जलते भुनते रहते है, अत्यधिक गुस्सा दिखाते है, बेईमानी, लुच्चे, दगाबज, लफन्गों, झूठे, फरेबी, चार सौ बीसिया और चटपटा मसालेदार भोजन करने वाले लोगों , अनियमित दिनचार्य और रात्रि चर्या वाले लोग, रात में जगने वालों और दिन में सोने वालों को कोई भी बीमारी हो जाय, उसका कोई भी नाम हो, उनको Nux Vomica अमृत के समान हितकारी होती है |
ऐसे लोगों को NUX VOMICA 200 POTENCY की एक खुराक रोजाना शाम को या रात को सोने से पहले सेवन करना चाहिये | हलाकि इसके साथ बीमारी के हिसाब से परहेज करना भी जरूरी है |
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“भिलावा” यानी Poison Nut का नाम सुना होगा | आज भी ग्रामीण क्षेत्र के कपडे धोने वाले धोबी यानी washer man इसी भिलावा के जूस का उपयोग कपड़ॊ पर निशान या पहचान के लिये लगाते हैं | इसका लगाया निशान इतना पक्का होता है कि यह उबालने या किसी भी साबुन से धुलता नहीं और जैसे को तैसा बना रहता है | एक और खास बात यह है कि अगर इसका रस जो एक तैलीय पदार्थ जैसा होता है , कहीं शरीर की त्वचा में लग जाय तो यह वहां फफोले पैदा कर देता है | इसे उबालते समय अग्र इसकी भाप शरीर की त्वचा पर लग जाय तो वहां पर पानी भरे छाले पैदा हो जाते है|
इस से होमियोपेथिक दवा नक्स वोमिका नाम से बनाई जाती है |
भागम भाग जिदगी को बिताने वाले लोग, दारू पीने वाले लोग, स्त्रियों के साथ रोजाना रात बिताने वाले लोग, खून खराबा करने मे विश्वास करने वाले लोग, अत्यधिक सम्भोग करने वाले लोग, जो खाम खाह बिला वजह जलते भुनते रहते है, अत्यधिक गुस्सा दिखाते है, बेईमानी, लुच्चे, दगाबज, लफन्गों, झूठे, फरेबी, चार सौ बीसिया और चटपटा मसालेदार भोजन करने वाले लोगों , अनियमित दिनचार्य और रात्रि चर्या वाले लोग, रात में जगने वालों और दिन में सोने वालों को कोई भी बीमारी हो जाय, उसका कोई भी नाम हो, उनको Nux Vomica अमृत के समान हितकारी होती है |
ऐसे लोगों को NUX VOMICA 200 POTENCY की एक खुराक रोजाना शाम को या रात को सोने से पहले सेवन करना चाहिये | हलाकि इसके साथ बीमारी के हिसाब से परहेज करना भी जरूरी है |
Kuchla ke prayog se nux vomica homiopathic medicine Bantu hai bhilawa se nahi. Jahan tak Mari jaankari hai kuchla aur bhilawa dono difrent herbs hain.sorry yadi main galat hoon.
ReplyDeletethanks
ReplyDeleteNux Vomica भिलावा से नहीं 'कुचिला' से बनता है | Poison Nut भिलावा को नहीं 'कुचिला' को कहा जाता है | जब जानकारी ना हो तो थोड़ा वैद्य-हकीमों से मिल लिया करो ..
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