Bel Patta |
जैसा की आप जानते है, सावन मॉस आने वाला है । इसी को स्मरण रख के, हम भगवन शिव के प्रिये बेल पत्र के औषधि गुड़ के बारे में बताएँगे ।
बेल का पेड़ बहुत प्राचीन है। इस पेड़ पर लगे पुराने पीले फूल फिर हरे हो जाते है । इसकी छाया पवित्र और आरोग्य करक होती है ।
बेल पत्र के औषधीय प्रयोग :
१. यदि आप बुखार से पीड़ित है तो बेल के पत्तियों का काढ़ा बना कर पे लें । तुरंत आराम मिलेगा ।
२. मधुमखी के काटने पर काटे गए स्थान पर बेल का रास लगाने से जलन काम हो जाती है और घाव जल्दी भर जाता है ।
३. शरीर में गर्मी बढ़ने के कारण मुँह के छालों के लिए बेल की पतियों को चबाते रहे , छाले समाप्त होने लगेंगे ।
४. दमा या आस्थमा के लिए बेल पत्तों का काढ़ा लाभदायक है ।
५. बरसात के मौसम में होने वाली सर्दी , खांसी और बुखार के लिए बेल पत्र के रास में शहद मिलाकर ले ।
६. जिन को एसिडिटी , अथवा अमल्पित रहता है उन्हें बेल के पत्तों में मिश्री मिलाकर पीना चाहिए ।
७. शरीर के दुर्गन्ध को दूर करने के लिए बेलपत्र का रास लगाकर आधे घंटे तक छोड़ दे और फिर नहाने जाये , दुर्गन्ध दूर हो जाएगी ।
८. अगर बच्चों को दस्त हो, उन्हें एक चमच बेल रास अवश्य पिलाये , दस्त रुक जायेंगे ।
९. आज कल बवासीर की बिमारी फैली हुई है । खुनी बवासीर बहुत तकलीफ देने वाली होती है । बेल की जड़ का गुदा पीसकर बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर उसका चूर्ण बनाकर , इससे रोज़ सुबह शाम पानी के साथ ले ले । इससे ये समस्या दूर हो जाएगी ।
१०. ह्रदय रोगियों के लिए भी बेलपत्र का प्रयोग बहुत असरदार है । बेलपत्र का काढ़ा रोज़ाना पीने से आपका ह्रदय हमेशा मज़बूत रहेगा और हार्ट अटैक का खतरा भी काम होगा ।
अंत में में आप सब को ये बताना चाहूंगा की यदि आपको अपना वातवरद शुद्ध रखना है तो घर में सूखे हुए बेल पत्रों की धुप अवश्य जलाएं
IndianJadiBooti |
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