Sunday, 2 September 2018

खस घास (Khus Root, Khus Grass)

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खस एक सुगन्धित घास होती है. खस को अंग्रेजी में Vetiver कहा जाता है, जोकि खस का तमिल शब्द है. गुच्छों में उगने वाले इस पौधे की ऊंचाई 5-6 फीट तक हो सकती है. इसके पौधे देखने में सरकंडे या सरपत के पौधे जैसे लगते हैं. https://indianjadibooti.com/Jadistore/Khus-Root
 #खस की जड़ों (Khus roots) से निकले तेल का प्रयोग परफ्यूम, इत्र और सुगन्धित तेल, शर्बत, दवाइयाँ, साबुन और सौन्दर्य प्रसाधन आदि बनाने में किया जाता है. खस के इत्र का अरब व अन्य देशों में निर्यात भी किया जाता है.

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– खस का पौधा पानी वाली जगह जैसे झील, तालाब, नदी आदि के किनारे अपने आप उग आता है. उत्तर भारत के राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार व दक्षिण भारत में केरल, कर्नाटक आदि राज्यों में खस की खेती की जाती है.

– खस (Vetiver) का प्रयोग गर्मियों में चलने वाले कूलर फैन में महकने वाली घास के रूप में किया जाता है. लकड़ी की छीलन के बीच में इसे लगाने से कूलर से बढ़िया भीनी भीनी तरावट वाली खुशबू आती है.

– खस की ऊपरी घास काटकर नीचे की घास से खस के पर्दे बनाये जाते हैं, जिसे खस की टट्टी कहा जाता था. पहले लोग गर्मियों में घर की खिडकियों में खस के पर्दे लगाकर उन्हें पानी से भिगोये रखते थे, जिससे गर्मियों की लू भी ठंडी, महकदार हवा में बदल जाती थी.  https://indianjadibooti.com/Jadistore/Khus-Root

खस के फायदे – VETIVER BENEFITS IN HINDI :
– ठंडी तासीर की वजह से खस का प्रयोग गर्मियों में खस का शरबत बनाने में किया जाता है. यह शर्बत पीने से प्यास बुझती है, शरीर की जलन मिटती है, दिमाग और शरीर में तरावट आती है व गर्मियों के त्वचा रोग भी नष्ट होते हैं.

– इसके अलावा खस (Vetiver) का प्रयोग ह्रदय रोग, उलटी, त्वचा रोग, बुखार, धातुदोष, सिरदर्द, रक्त विकार, पेशाब की जलन, सांस के रोग, पित्त रोग, मांसपेशियों की ऐंठन, हार्मोनल समस्याओं में भी फायदेमंद है.

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– खस के तेल की मालिश करने से कमरदर्द, मोच में आराम मिलता है. खस के तेल का अरोमाथेरेपी में भी प्रयोग किया जाता है. खस की खुशबु से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, नर्वस सिस्टम शांत होता हैं और डर, असुरक्षा की भावनायें दूर  होती है. खस के तेल की महक स्ट्रेस दूर करने, नींद लाने में सहायक होती है.

– खस के पौधे लगाने का सबसे बड़ा फायदा तो पर्यावरण को होता है. सदियों से जानकार भारतीय किसान खस के पौधे लगाकर मृदा संरक्षण (soil conservation) यानि भूमि के कटाव रोकने, जल शुद्धिकरण व जल संरक्षण (water conservation) करते आ रहे हैं.   https://indianjadibooti.com/Jadistore/Khus-Root

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