Monday, 3 September 2018

खुरासानी अजवायन (Khurasani Ajwain)

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खुरासानी अजवायन कश्मीर से गढ़वाल तक पहाड़ी इलाकों में 8,000 से 10,000 फुट की ऊंचाई तक पायी जाती हैं। इसका पौधा अजवायन के पौधे से थोडा बड़ा होता है। इसकी जड़े काफी घनी और रोएं से भरी होती हैं। पत्ते लम्बे चौड़े अलग-अलग तरह से कटे हुए होते हैं। इसकी शाखाएं भी रोयेंदार होती है। इसके फूल गुच्छों में हल्के पीले व हरे होते हैं जिस पर बैंगनी रंग की धारियां होती हैं।
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#खुरासानी #अजवायन विभिन्न रोगों में सहायक होती है :-
1. दांतों के रोग:
खुरासानी अजवायन एवं राल बराबर मात्रा में लेकर एक साथ पीस लें और यह चूर्ण दर्द वाले दांतों के नीचे दबाकर रखें। इससे दांतों का दर्द ठीक होता है।
खुरासानी अजवायन 5 ग्राम और #अकरकरा 5 ग्राम को पानी में उबालकर कुल्ले करें। इससे दांतों का दर्द शांत होता है।
यदि बच्चे को दांत किटकिटाने की आदत हो तो अजवायन में थोड़ा सा सेंधानमक मिलाकर रात को सोते समय बच्चे को खिलएं। इससे रात को दांत किटकिटान की आदत छूट जाती है। 
खुरासानी अजवायन को पीसकर दांत के खोखल में भरने से दांतों के कीड़े समाप्त होते हैं और दर्द दूर होता है।
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2. कान का दर्द: खुरासानी अजवायन को तिल के तेल में मिलाकर 2 बूंद कान में टपकाने से कान का दर्द ठीक होता है।
3. मसूढ़ों से खून आना: खुरासानी अजवायन के पत्तों का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन सुबह-शाम कुल्ला करने से मसूढ़ों से खून आना बंद होता है।
4. पेट के कीडे़: सुबह के समय 5 ग्राम गुड़ खाकर थोड़ी देर बाद एक या दो दिन पानी में भिगोकर रखें खुरासानी अजवायन 1 से 2 ग्राम की मात्रा खाएं। इससे पेट के कीड़े मरकर मल के रस्ते से निकल जाते हैं।
5. पेट का दर्द:
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खुरासानी अजवायन और गुड़ को मिलाकर खाने से पेट में गैस बनने के कारण होने वाला दर्द समाप्त होता है।
खुरासानी अजवायन के 12 ग्राम चूर्ण में 250 मिलीग्राम कालानमक मिलाकर खाने से पेट का दर्द शांत होता है।
खुरासानी अजवायन का तेल 2 से 4 बूंद की मात्रा में 1 ग्राम सौंठ के चूर्ण के साथ मिलाकर खाने और ऊपर से सौंफ का काढ़ा 15-20 मिलीलीटर की मात्रा में पीने से पेट का दर्द व कष्ट दूर होता है।
6. यकृत (लीवर): खुरासानी अजवायन के तेल का लेप यकृत पर करना चाहिए। इससे पुरानी से पुरानी यकृत की पीड़ा दूर होती है।
7. मूत्ररोग: खुरासानी अजवायन के बीजों का तेल 15 से 20 बूंद की मात्रा में दिन में 3 से 4 बार लेने से मूत्ररोग ठीक होता है। यह मूत्राशय के दर्द को शांत करता है, पथरी को गलाता है और मूत्र की रुकावट को दूर करता है।
8. गर्भाशय का दर्द: गर्भाशय के दर्द से पीड़ित स्त्री को खुरासानी अजवायन को पीसकर बत्ती बनाकर योनि में रखना चाहिए। इससे गर्भाशय का दर्द ठीक होता है।
9. गठिया: तिल के तेल में खुरासानी अजवायन को गर्म करके रोगग्रस्त अंगों की मालिश करने से गठिया व कमर दर्द में आराम मिलता है।
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10. स्तनों का दर्द व सूजन: खुरासानी अजवायन को शराब के साथ पीसकर स्तनों पर लेप करने से दर्द व सूजन दूर होती है।
11. योनि दर्द: खुरासानी अजवायन 2 से 3 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम गर्म पानी के साथ सेवन करें। इससे योनि की पीड़ा समाप्त होती है।
12. नाखून का जख्म: नाखूनों के जख्मों में खुरासानी कुटकी का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन सुबह-शाम लेने से नाखूनों की पीड़ा समाप्त होती है।
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