सभी शुद्ध शक्तिवर्धक जड़ी बूटी और उनके पाउडर हमारे पास उपलब्ध हैं , खरीदने के लिए log on करें https://indianjadibooti.com
https://www.amazon.in/IndianJadiBooti-Kahu-Jeera-400-…/…/ref4. वीर्य की कमी: #काहू के बीजों का चूर्ण 1 से 3 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम मिश्री मिले दूध के साथ खाने से #वीर्य बढ़ता है और वीर्य पुष्ट होता है।
काहू के नाम से इस पौधे को केवल हकीम, या वो लोग जानते जो इसकी खेती और व्यापार करते हैं. इसका प्रयोग सलाद के रूप में किया जाता है. अंग्रेजी भाषा में इसे #लेटिस (#Lettuce) कहते हैं. ये एक सीजनल पौधा है. सितम्बर अक्टूबर में इसका बीज बोया जाता है. जाड़ों के महीनो में इसके पत्तों को सलाद की तरह इस्तेमाल किया जाता है. https://indianjadibooti.com
#काहू के बीज उत्तेजना को शांत करता है और गहरी नींद लाता है. आज के युग में बहुत से बीमारियां उत्तेजना और नींद न आने के कारण हो रही हैं. आज के रोगों की ये बड़ी औषधि है. हकीम काहू के बीजों के तेल या रोगन काहू को नींद न आने के समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए इस्तेमाल करते थे. ये सदियों से यूनानी और देसी इलाज के पद्धति में प्रयोग किया जा रहा है. इसके बीजों में मूत्र प्रवाह बढ़ाने की शक्ति है. अपने इस गुण के कारण ये गुर्दों को साफ करता है और उनके विषैले पदार्थ या टाक्सिन बाहर निकलता है. ये यूरिक एसिड की समस्या से निजात दिलाता है.
इसके बीज आँतों की सफाई करते हैं. यहाँ से भी ये टॉक्सिन यानि विषैले पदार्थ बहार निकलने का काम करता है. इसमें मौजूद रसायन आंतों को कैंसर जैसे रोग से बचाने में सहायता करते हैं. यह 6 ग्राम की मात्रा में प्रयोग करना चाहिए। यह आमाशय की जलन को शांत करता है और पेट को कोमल बनाता है। इसके प्रयोग से पेशाब खुलकर आता है।
https://indianjadibooti.comइसके बीज आँतों की सफाई करते हैं. यहाँ से भी ये टॉक्सिन यानि विषैले पदार्थ बहार निकलने का काम करता है. इसमें मौजूद रसायन आंतों को कैंसर जैसे रोग से बचाने में सहायता करते हैं. यह 6 ग्राम की मात्रा में प्रयोग करना चाहिए। यह आमाशय की जलन को शांत करता है और पेट को कोमल बनाता है। इसके प्रयोग से पेशाब खुलकर आता है।https://indianjadibooti.comइसके बीज आँतों की सफाई करते हैं. यहाँ से भी ये टॉक्सिन यानि विषैले पदार्थ बहार निकलने का काम करता है. इसमें मौजूद रसायन आंतों को कैंसर जैसे रोग से बचाने में सहायता करते हैं. यह 6 ग्राम की मात्रा में प्रयोग करना चाहिए। यह आमाशय की जलन को शांत करता है और पेट को कोमल बनाता है। इसके प्रयोग से पेशाब खुलकर आता है।https://indianjadibooti.comइसके बीज आँतों की सफाई करते हैं. यहाँ से भी ये टॉक्सिन यानि विषैले पदार्थ बहार निकलने का काम करता है. इसमें मौजूद रसायन आंतों को कैंसर जैसे रोग से बचाने में सहायता करते हैं. यह 6 ग्राम की मात्रा में प्रयोग करना चाहिए। यह आमाशय की जलन को शांत करता है और पेट को कोमल बनाता है। इसके प्रयोग से पेशाब खुलकर आता है।https://indianjadibooti.comविभिन्न रोगों में उपयोग :
1. हस्तमैथुन: कामवासना पर नियंत्रण रखने के लिए जंगली काहू के बीज का चूर्ण 1 से 3 ग्राम की मात्रा में खाने से #हस्तमैथुन से उत्पन्न दोष दूर होते हैं।
2. स्तनों का जमा हुआ दूध निकालना:
काहू के बीज सिरके में पीसकर स्तनों पर लेप करने से स्तनों का जमा हुआ दूध निकल जाता है।
यदि स्तनों में दूध अधिक हो गया हो तो काहू के बीज, मसूर व जीरा को सिरके में पीसकर स्तनों पर लेप करें। इससे स्तनों में दूध कम हो जाता है।
3. पेट में कीड़े होना: काहू के बीज, #कलिहारी, #राल, #खस, #कूठ, #भिलावा, #लोहबान और #बायबिडंग को अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें। इस चूर्ण को आग में जलाकर धुंआ लेने से पेट के कीड़े समाप्त होते हैं।
https://www.amazon.in/IndianJadiBooti-Kahu-Jeera-400-…/…/ref4. वीर्य की कमी: #काहू के बीजों का चूर्ण 1 से 3 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम मिश्री मिले दूध के साथ खाने से #वीर्य बढ़ता है और वीर्य पुष्ट होता है।
https://www.amazon.in/IndianJadiBooti-Kahu-Jeera-400-…/…/ref
#Kahujeera #Kahubeej #kahu #kaahu #indianjadibooti #Ayurved
IndianJadiBooti, काहू, Kahu, आयुर्वेद , आयुर्वेदिक औषधि , आयुर्वेदिक उपचार , जड़ी बूटी , जड़ीबूटी,Jadibuti, Jadi booti, Jadi buti |
No comments:
Post a Comment