Sunday, 7 October 2018

चिकनगुनिया बुखार का घरेलु उपचार

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चिकनगुनिया का दर्द 


ये काढ़ा पीने से चला जाएगा - चिकनगुनिया का दर्द 

चिकनगुनिया मादा एडीज मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी है !
इसके मच्छर ज्यादातर दोपहर में काटते हैं !
मच्छरों की लार में मौजूद चिकनगुनिया वायरस शरीर में पहुंच बीमारी का कारण बनता है !
बीमारी का सबसे अधिक दुष्प्रभाव लिवर पर पड़ता है !
जिससे लिवर में पित्त रस बनना बंद हो जाता है - जो पाचनतंत्र से जुड़े विकार दूर करता है !

लक्षण जोड़ों में तेज दर्द,  बुखार , कमजोरी , शरीर में सूजन , खुजली , पसीना न आना , बेचैनी , सर्दी - खांसी होना और खाने में स्वाद न आना जैसी परेशानी होती है !

चिकनगुनिया रोग को ठीक करने का सबसे बेहतर उपाय है अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को (इम्यूनिटी) बढ़ाएं:-
यह बीमारी बरसात के मौसम में शुरू होती है !
इससे बचने के लिए जुलाई की शुरुआत में " फलात्रिकादीकसाय " का काढ़ा तीन दिनों तक सुबह - शाम लें !

 फलात्रिकादीकसाय में आठ औषधि हरड़ - बहेड़ा - आंवला - कुटकी - चिरायता - वासापत्र - नीमपत्र व गिलोय होता है !



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यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर चिकनगुनिया - डेंगू - मलेरिया के साथ शुगर और पीलिया के मरीजों को भी लाभ पहुंचाता है !

ऐसे बनाएं " फलात्रिकादीकसाय काढ़ा " :-
हरड़ - बहेड़ा - आंवला - कुटकी - चिरायता - वासापत्र - नीमपत्र और गिलोय को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण तैयार कर लें !

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रोजाना 10 ग्राम चूर्ण मात्रा लेकर एक गिलास पानी में उबालें !
एक चौथाई पानी बच जाए तो गुनगुना पिएं !

चिकनगुनिया हैं तो ये दवा बुखार में लें :-
त्रिभुवन कीर्ति की एक गोली और दो - दो ग्राम गोदांति भस्म व तालिसादी चूर्ण दिन में दो बार सात दिनों तक लें !
जोड़ों में दर्द :-
योगराज गुग्गल की दो व विषतिंदूक वटी की एक गोली सुबह - शाम लें !
साथ में पंच गुण तेल जोड़ों पर लगाएं !

 बचाव :-
1.  पानी को उबाल कर ही पिएं !
इसमें लौंग या नीम पत्ती भी मिला सकते हैं - ये जीवाणुनाशक होते हैं !
2 ठंडा - बासी और प्रिजर्वेटिव मिला फूड न खाएं !
3 जूस में केवल अनार - पपीता और सेब का ही उपयोग करें !
मौसमी और संतरे के जूस से दूर रहें - ये फल खट्टे और ठंडे होते हैं जो गले में खराश पैदा कर सकते हैं !
4 मुनक्का और खजूर अधिक लें - ये शरीर में ऊर्जा और ब्लड में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या बढ़ाते हैं !
5 चावल की जगह दूध - दलिया या मूंग की खिचड़ी खाएं !
6 गिलोय - नीम कोपल - तुलसी के पत्ते लेते रहें !
7 मच्छरों से बचाव के लिए घर में नीम पत्ती और गुग्गल का धुआं करें !

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