Monday, 16 July 2018

नाइटफॉल की समस्या से बचने का क्या उपाय है?

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A- एसा होना कोई विशेष रोग या खराबी नहीं है। यह एक सामान्य बात है, जो अधिकांश अविवाहित नवयुवको मेँ पाई जाती है। उत्तेजक वातावरण/पत्रिकाए/ फिल्मे/ पोर्न साइट्स/ कामुक कल्पनाये, एवं अधिक मिर्च मसाले युक्त चाट-पकोड़ी खाने से अधिक होती हे, इनकी अधिकता से बचें। अधिक होने पर चिकित्सक से संपर्क करें।
इसको विस्तार से निम्नानुसार समझें-    वीर्य या सीमेन हमेशा बनता ही रहता है। इसमें से 99 फीसदी तरल या सीमेन की मात्रा सेमिनल वैसिकल और प्रोस्टेट ग्रंथि में बनती है। कुल वीर्य में से एक प्रतिशत से भी कम मात्रा शुक्राणुओं की होती है। ये हम बिना माइक्रोस्कोप के नहीं देख सकते। अधिक वीर्य (सीमेन) सामान्य तरीके से बाहर नहीं निकलता तो खुद निकल जाया करता है। जैसे पानी से लबालब भरे ग्लास में और पानी भरने की कोशिश करेंगे तो पानी छलक जाएगा। इसी तरह प्राणियों का सीमेन, स्वप्नमैथुन या नाइटफॉल के जरिए बाहर आ जाता है। अनिश्चित समय के लिए सीमेन रोककर नहीं रखा जा सकता। जिस तरह मल-मूत्र, आदि को हमेशा रोके रखना मुमकिन नहीं होता, उसी तरह वीर्य को भी अनिश्चित समय के लिए रोककर रखना नामुमकिन है।
    हमारे पास बहुत-से ऐसे मरीज आते हैं, जो कहते हें की नाइटफॉल के बाद कमजोरी महसूस होती है। कारण है, कि मन में कई भ्रामक धारणाएं बैठा दी गई हैं। जैसे एक बूंद वीर्य सौ बूंद खून एक समान है आदि आदि। 
  •      वास्तव में यह है कि दिखाई देने वाला वीर्य भी एक प्रकार का पसीना,लार, आदि की तरह का तरल पदार्थ है,  जो स्पर्म को जीवित रहने ओर तैरकर डिंब तक ले जाने के लिये ही होता है। यह तरल जितना शरीर से बाहर आता है, उतना ही भीतर बनता भी रहता है। जैसे एक आदमी अगर अपनी लार थूक दे, तो उसके मुंह में थूक कम नहीं हो जाएगा। कुछ देर में वह फिर बन जाएगा। नाइटफॉल में कम-ज्यादा कुछ नहीं होता। यह हरेक की मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है। अगर किसी को रात में ज्यादा उत्तेजक कामुक विचार या सपने आते हैं, तो उसे नाइटफॉल होने की संभावना भी ज्यादा होगी। 


   जिन्हे इस प्रकार के कारणो से अधिक होता हो वे इससे बचने के लिए -

  • रात को हाथ-मुंह और दोनों पांव ठंडे पानी से धोकर सोएं। 
  • आयुर्वेद ग्रंथो के अनुसार यदि कोई अधिक वीर्य की उत्पत्ति चाहता हो तो वह डिस्चार्ज के बाद प्रात: एक चम्मच गाय का घी और मिश्री गुनगुने दूध में मिलाकर ले।  परिश्रम शील युवकों के लिए गाय के घी का वैसे भी नियमित सेवन करना बेहतर रहता है।


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