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गर्भधारण करने में समस्या हो रही है तो करें शिवलिंगी का प्रयोग, संतान प्राप्ति के लिए शिवलिंगी वरदान
संतान प्राप्ति हर दंपती की अभिलाषा होती है। हर लड़की मातृत्व सुख चाहती है। अपनी संतान को जन्म देकर उसके साथ खेलना चाहती है। घर में एक बच्चा हो तो तमाम तरह के तनाव स्वत: विदा हो जाते हैं। शादी के बाद बहुत दिनों तक बच्चा पैदा न हो तो ढेर सारे तनाव घेर लेते हैं। संतान न होने से अनेक प्रकार के ताने व यातनाएं भी झेलनी पड़ती हैं। इसलिए हम आपको संतान प्राप्ति के लिए आदिवासियों द्वारा प्रयोग में लाए जाने नुस्खों के बारे में बताने जा रहे हैं।
गर्भ धारण के लिए शिवलिंगी के बीज लेंसंतान प्राप्ति के लिए प्रयोग– आदिवासी महिलाएं शिवलिंगी की चटनी का टॉनिक के रूप में इस्तेमाल करती हैं। उनके अनुसार मासिक धर्म समाप्त होने के 4 दिन बाद से सात दिन तक लगातार शिवलिंगी के 5 बीज खिलाए जाएं तो महिला के गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। शिवलिंगी के बीजों को तुलसी व गुड़ के साथ पीसकर नि:संतान महिला को सेवन कराया जाता है। आदिवासी महिलाओं के अनुसार इससे जल्दी ही गर्भधारण हो जाता है।
-चुस्त-दुरुस्त, स्वस्थ व तेजवान बच्चा पैदा करने के लिए गुजरात के डांग क्षेत्र के आदिवासी शिवलिंगी के बीजों, पुत्रंजीवा, नागकेशर व पारस पीपल के बीजों की समान मात्रा लेकर चूर्ण बनाते हैं। गाय के दूध के साथ आधा चम्मच यह चूर्ण गर्भवती महिला को सात दिन तक खिलाया जाता है। इस चूर्ण का सेवन आम आदिवासी भी सेहत के लिए करते हैं, इससे बुखार भी नियंत्रित होता है। त्वचा रोगों की निजात के लिए भी इस चूर्ण का सेवन किया जाता है।
शिवलिंगी बीज के लाभ महिलाओं के यौन स्वास्थ्य में सुधार के लिए :- शिवलिंगी बीज महिलायो के रोगों की रोकथाम के लिए अत्यंत लाभदायक हैं जैसे महिलायो की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए इससे बेहतर और बिना दुष्प्रभावो के और कोई उत्पाद नही हैं इसके अलावा यह हार्मोन्स को संतुलित करता हैं जिससे महिलायो को मासिक धर्म अनियमितताओं से छुटकारा मिलता हैं।
गर्भधारण के लिएजैसा की पहले भी बताया गया हैं की यह औषधि हार्मोन्स को संतुलित करती हैं,जिसके परिणामस्वरूप महिलायो को सुरक्षित गर्भधारण करने में शिवलिंगी बीज मदद करती हैं और जो महिलाये बार बार हो रहे गर्भपात की समस्या से जूझ रही हो, उनके लिए भी यह लाभदायक हैं।
बाँझपन के लिएबाँझपन को दूर करने के लिए शिवलिंगी बीज एक उपयोगी औषधि हैं।
अन्य रोगों में भी लाभदायकस्त्री रोगों के अलावा शिवलिंगी बीज इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भी एक अच्छी औषधि हैं और गठिया, जोड़ो के दर्द, दमा और पाचन सम्बन्धी रोगों की रोकथाम करने में भी यह सहायक हैं।
औषधीय मात्रा शिवलिंगी बीजो को कूट कर पीस और छान लें, इसके बाद इसका पाउडर बना के रख लें। अच्छे परिणामो के लिए पुत्रजीवक बीजो के चूर्ण और शिवलिंगी पाउडर को मिक्स कर लें इसके बाद इस मिश्रण का एक चम्मच दिन में दो बार लें एक बार सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले और शाम के भोजन के एक घंटे पहले और इसके सेवन से सम्बंधित सबसे महत्वपूर्ण सुझाव यह दिया जाता हैं की इस औषधि का सेवन गाय के दूध के साथ करना चाहिए और वो भी उस गाय के दूध के साथ जिसका बछड़ा हो।
दुष्प्रभावशिवलिंगी बीजो पूरी तरह से आयुर्वेदिक औषधि हैं और इसका सेवन बहुत सालो से महिलायो सम्बन्धी रोगों की रोकथाम के लिए किया जाता रहा हैं। दिए गए निर्देशो के अनुसार अगर इसका प्रयोग किया जाये तो इसका कोई दुष्प्रभाव नही हैं। अगर फिर भी इसके सेवन के बाद कोई समस्या होती हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
पूर्वापायचिंता और तनाव से जितना हो सके ,दूर रहें। अपनी दिनचर्या को बदलें।
अधिक पानी पिये, हेल्थी खाना खाएं और जंक फ़ूड या तले-भुने खाने से दूर रहे।
कसरत और योग करें।
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