Wednesday 22 August 2018

स्वास्थय समस्याएं आपकी… आयुर्वेदिक समाधान हमारे (https://indianjadibooti.com)


              


  शारीरिक कमजोरी :-

  यदि आप शारीरिक कमजोरी महसूस करते है, कमजोरी के कारण आलस्य का अनुभव होता है, अपने कार्यो को अपना शत प्रतिशत केवल शारीरिक थकान के कारण नहीं दे पाते, थकान और शारीरिक कमजोरी के कारण जीवन बोझिल हो गया है और आप नकारात्मकता से घिर गए हैं तो ऐसे में आपको विभिन्न जड़ी बूटियों के आयुर्वेदिक योग का कुछ दिन सेवन करना चाहिए जिससे की आप दोबारा से अपने को सुफुर्ति और जोश और जूनून से भरा पाएंगे , जीवन जीने की नयी आशा जागृत होगी और आप खुद को सकारात्मक व् तरो ताजा महसूस करेंगे , आयुर्वेदिक योग इस प्रकार हैं :- अश्वगंधा , सफ़ेद मूसली, शतावरी पिली , उटंगन , कौंच के बीज , गोखरू बड़ा, तालमखाना, बहमन लाल, बहमन सफ़ेद, सकाकुल मिश्री, गौजबां, सालम पंजा व् सालम मिश्री इत्यादि


पेट की गर्मी :- 

 पेट की गर्मी होने पर मुँह में छाले निकल आते हैं, मुँह बार बार सूखता है, पेट की गर्मी की मुख्य वजह कब्ज़ भी हो सकती है, अगर आप पेट की गर्मी से पीड़ित हैं तो आपको गोंद कतीरा को रात को पानी में भिगो कर सुबह उसका मिश्री के साथ सेवन करना चाहिए , पेट की गर्मी में बलंगा भी बहुत हितकर है, बलंगा वही जो फलूदे में भी प्रयोग किया जाता है, पेट की गर्मी को कम करने में अनार का जूस भी बहुत अच्छी औषधि का काम करता है

elaichi Choti

. बवासीर :- 

अगर कोई बवासीर से पीड़ित है तो उससे गोंद कतीरा, निरंजन फल इत्यादि का सेवन करना चाहिए, लाभ होगा

4. कब्ज़ :  

कब्ज़ से पीड़ित रोगियों को छोटी हरड़ , बड़ी हरड़, त्रिफला पाउडर, इसबगोल की भूसी, अंजीर  आदि का सेवन करना चाहिए अवश्य लाभ होगा, कब्ज़ अगर ज्यादा है तो विकट परिस्थितियों में किसी अच्छे आयुर्वेदाचार्य के निर्देश अनुसार थोड़ी मात्रा में सनाय पाउडर या जमालघोटा का प्रयोग किया जाना उचित होगा

5. पथरी :- 

पथरी से पीड़ित व्यक्ति समस्या अनुसार कुल्थी दाल, पथरचट्टा,  का सेवन कर रोग से मुक्ति पा सकते हैं

6. संतानोत्पत्ति -  

जिस किसी स्त्री को गर्भ ठहर रहा हो या बार बार गर्भपात हो जाता हो उनके लिए लक्मण बूटी, जिया पोता बीज, शिवलिंगी बीज, का नियम अनुसार सेवन करना चाहिए और शक्ति के लिए सलाम पंजा और मिश्री और सफ़ेद मूसली का सेवन करना चाहिए लाभ होगा

7. मधुमेह :- 

आजकल लगभग 30 % जनसँख्या मधुमेह रोग से पीड़ित हैं , मधुमेह रोग में पनीर डोडी, चिरायता, गुड़मार, कोशिया लकड़ी, शुगर बादाम, इन्दरजो कड़वा, जामुन की गुठली, कालमेघ आदि का सेवन करके मधुमेह की रोकधाम की जा सकती है

8. बालो सेजुडी समस्या :- 

बालो से जुडी सभी समस्याओ में जटामांसी, आंवला , रीठा , शिकाकाई, ब्राह्मी, भृंगराज, कपूर कचरी , मेथी दाना  से उपचार संभव है

9. गले सेसम्बंधित रोगो में मुलेठी, गुलबनफ्शा, छोटी इलायची, सौंफ और अजवाइन और काकड़ासिंगी फायदेमंद हैं

10. कमर को शेप मेंलाने और कसने के लिए 

गोंद चुनिए जिसे कमरकस के नाम से भी जाना जाता हैं को प्रयोग में लेना लाभप्रद है

11. आलू बुखारा

आलू बुखारा के सेवन से मितली और अरुचि की समस्या दूर हो जाती है 

12 घुटनों की ग्रीस 

घुटनों की ग्रीस सम्बन्धी रोग में अखरोट गिरी, अलसी, खस खस, हरसिंगार के फूल और पत्ते  या बबूल की फली का चूर्ण का सेवन करने से लाभ मिलता है

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समस्याएं जीवन का भाग होती हैं उनसे बचा तो नहीं जा सकता लेकिन स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर और दृण संकल्प से और प्रबल इच्छा शक्ति से उनपर विजय पायी जा सकती है इसलिए सकारात्मक रहे, खुश रहे, सुबह की शुरुवात उगते सूर्य के दर्शन के साथ करें, सुबह स्वच्छ हवा में कुछ देर जरूर टहलेI


इंडियन जड़ी बूटी आपके अच्छे स्वास्थय की कामना करता हैI 










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