Tuesday 17 April 2018

कौंच के बीज है असीमित शक्ति के श्रोत, वियाग्रा से दस गुना ज्यादा शक्तिशाली

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कौंच के बीज है असीमित शक्ति के श्रोत
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कौंच के बीज भारत में औषधि के रूप में काफी प्रचलित है, इसको केवांच बीज के नाम से भी जाना जाता है, 
अगर अपनी मर्दाना ताकत बढ़ाने के लिए आप वियाग्रा का इस्तेमाल करते है, तो आप तत्काल प्रभाव से इसकी जगह कौंच का उपयोग कर सकते हैं | आप इंडियन जड़ी बूटी के कौंच बीज और इसके चूर्ण का उपयोग करे  यह पूर्णतया सुरक्षित है एवं इसके वियाग्रा के मुकाबले कई गुना अच्छे परिणाम भी है |

प्रयोग १.
 कौंच बीज, सफ़ेद मुसली, वंस्लोचन, त्रिकटु, अश्वगंधा, चातुर्जात, दूध , शहद और घी जैसे पौष्टिक  मिलाकर आप कौंच पाक द्रव्य भी बना सकते हैं,  जो आपकी नामर्दी को पूर्णतया खत्म करने की क्षमता रखता है | इस मिश्रण (कौंच पाक) के उपयोग से शुक्राणुओं की कमी, शीघ्रपतन, अंग का ढीलापन, धातु दुर्बलता, शारीरिक दुर्बलता,  आदि से सदा सदा के लिए छुटकारा मिलता है और यह आपके पाचन, स्मृति और शारीरिक बल को भी कई गुना बड़ा देता है |
प्रयोग २.
कौंच के बीज , शतावरी, गोखरू,अतिबला , नागबला और  तालमखाना –  सभी को बराबर की मात्रा में  लेकर चूर्ण बना लें |  रोज रात को सोने से पहले 5 ग्राम की मात्रा में इसका उपयोग गुनगुने दूध के साथ करे | इसके प्रयोग से कुछ ही समय में आपका सहवास का समय बढेगा और नामर्दी, शीघ्रपतन , धातु दुर्बलता दूर हो जाएगी  |
प्रयोग ३.
कौच के बीजों को लेकर साफ़ करके सबसे पहले दूध में पका लें,  फिर इनका छिलका उतार लें | फिर इसे धूप में सुखा दे , भली प्रकार सूखने जाने के बाद इनका महीन चूर्ण बना ले | सफ़ेद मुसली और अश्वगंधा  को भी सामान मात्रा में लेकर इनका भी चूर्ण बना ले | अब तीनों चूर्ण को अच्छी तरह मिला ले | रोज सुबह और शाम 5 ग्राम की मात्रा में दूध में मिश्री मिलाकर सेवन करे | इससे शीघ्रपतन, नंपुसकता आदि बिमारियों से छुटकारा मिलेगा एवं शरीर में मर्दाना शक्ति का विकास होगाI

कभी कभी खिलाडि़यों की मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है, तो उन के लिए भी कौंच का इस्तेमाल बहुत लाभदायक है. कौंच के बीज के इस्तेमाल से याद रखने की शक्ति बढ़ती है. वजन बढ़ाने में भी कौंच का उपयोग सहयोगी  साबित होता है. गैस, दस्त, खांसी, गठिया दर्द, मधुमेह, टीबी व मासिकधर्म की तकलीफों के उपचार के लिए भी कौंच के बीजों का प्रयोग किया जाता है.


कौंच के सेवन से तनाव और चिंता को दूर होती  है. यह यौन ग्रंथियों को मजबूती प्रदान करता है.
कौंच पार्किसंस रोग में भी उपयोग की जाती है।
कौंच कोलेस्ट्राल और ब्लडशुगर कम करने की एक खास दवा है, 
कौंच पाक को  सर्दियों में उपयोग करना ज्यादा फायदेमंद है | इसे बनाने के लिए कौंच बीजो का इस्तेमाल होता है | नपुंसकता, धातु दुर्बलता, मर्दाना ताकत, वीर्य में शुक्राणुओं की कमी, शीघ्रपतन एवं शारीरिक दुर्बलता में इसका सेवन करने से चमत्कारिक लाभ प्राप्त होंगे |
आप से घर पर भी आसानी से तैयार कर सकते है | इसे बनाने की विधि बहुत सरल है और यह पूर्णतया लाभकारी होगी एवं बाज़ार में मिलने वाले कौंच पाक से बेहतर भी रहेगी | इसको  बनाने के लिए निम्नलिखित सामग्री चाहिए –

कौंच बीज – 250 ग्राम
अकरकरा चूर्ण – 5 ग्राम
गाय का दूध – 4 किलो
गाय का घी – 500 ग्राम
रस सिन्दूर – 5 ग्राम
केसर – 3 ग्राम
प्रक्षेप के लिए – दालचीनी, लौंग, इलायची, चव्य, चित्रक, पीपलामूल, आदि सामान मात्रा में 40 ग्राम |

विधि – सबसे पहले कौंच के बीजों को 8 से 10 घंटो के लिए भिगों दें , अच्छी तरह भीगने के बाद बीज के ऊपर के छिलके को हटा दें एवं बीजों को धूप में सुखा दें | जब बीज अच्छी तरह सुख जाए तब इन्हें पीसकर चूर्ण बना ले | अब इस चूर्ण को दूध में उबालें एवं इसका मावा तैयार कर ले |
एक कडाही में घी डालकर इस मावे को भून ले | अच्छी तरह भुनने के बाद इसमें एक किलो चीनी से तैयार चासनी डालकर मिलादें | ऊपर से प्रक्षेप द्रव्य और अकरकरा चूर्ण – 5 ग्राम, रस सिन्दूर – 5 ग्राम और केसर – 3 ग्राम डालकर इसकी बर्फी काटले और एक एक बर्फी का नित्यप्रति सुबह और शाम प्रयोग करें 


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