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एक पत्ती रहित पीली बेल अक्सर झाड़ियों पर दिखाई देती है। मिट्टी में इस बेल की जड़े भी नहीं दिखाई देती। कोई पत्तियां, कोई जड़ें नहीं, फिर भी यह पौधा बढ़ता हुआ दिखता है। यह अमरवेल है! अमरबेल स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है l यह एक परजीवी पौधा है जिसे आकाशबेल या devil’s hair भी कहा जाता है l यह अपने विकास के लिए मेजबान पौधे से पोषक तत्व लेता है और यही कारण है कि इसके phytoconstituents मेजबान पौधे पर भी निर्भर करते है।
इसमें एंटीवायरल, एंटीकॉन्वेलसेंट, ब्राडीकार्डिया, एंटिस्टरोएडोजेनिक, एंटीस्पास्मोडिक और हेमोडायनामिक गतिविधियां होती है l यह पौधा पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होता है और पित्त संबंधी विकारों, त्वचा रोगों, पुराने दस्त, मूत्र विकारों आदि के लिए उपयोगी है।
१. अमरबेल के रस का उपयोग पीलिया के इलाज में किया जाता है l यह यकृत संरक्षक है l
२. इसके गर्म पेस्ट का उपयोग गठिया के दर्द और सूजन को कम करने में किया जाता है I
३. पूरे पौधे का पेस्ट बनाकर सिर दर्द के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है l
४. पत्तों के रस में सादा नमक मिलाकर दांतों पर मलने से दांत चमकीले होते हैं।
५. पुराने घावों को भरने में अमरबेल उपयोगी है l अमरबेल के चूर्ण को सोंठ और घी मिलाकर पुराने घाव पर लेप करे।
६. अमरबेल को तिल या शीशम के तेल में पका लें। इसे सिर पर लगाने से बालों की जड़ें मजबूत बनती हैं। इससे गंजेपन में लाभ होता है।
७. इसके १० मि.ली. रस में ५ ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर खूब घोंटकर रोज सुबह पीने से खूनी और बादी बवासीर में फायदा होता है।
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