Sunday, 18 August 2019

गरम मसाला , GARAM MASALA - स्वाद भी सेहत भी


घर में तैयार करें गरम मसाला पाउडर
कई खड़े मसालों से मिलकर बनाया गया गरम मसाला खाने के स्वाद को बढ़ाता है. अगर इसे घर में तैयार किया जाए तो स्वाद के साथ खाने की महक भी दोगुनी हो जाती है. तो जानें इसे घर पर ही तैयार करने का आसान तरीका

GARAM MASALA , गरम मसाला


एक नज़र
यह गरम मसाला घर पर ही 15 से 30 मिनट  में तैयार हो जाता है ,  मील टाइप : वेज
आवश्यक सामग्री
दालचीनी - एक इंच की लंबाई वाले 4 टुकड़े
लौंग - 2 बड़े चम्मच
छोटी इलायची - 1 बड़ा चम्मच
बड़ी या मोटी इलायची - 1.5 बड़ा चम्मच
चक्र फूल 1-2
तेज पत्ता - 3 से 5
कालीमिर्च - 2 बड़े चम्मच
जायफल- आधा (पीसकर करीब आधा छोटा चम्मच पाउडर बना लें)
जावित्री - करीब 5 ग्राम
जीरा - करीब 3 बड़े चम्मच
साबुत धनिया - करीब 2 बड़े चम्मच
सूखी अदरक का पाउडर - करीब 1 बड़ा चम्मच
टिप्
- दालचीनी को एक ओखली में डालकर हल्का कूट लें. अगर ओखली हो तो चकले पर रखकर ऊपर से बेलन चला दें.
- गैस पर कड़ाही गर्म करें और लौंग को छोड़कर बाकी सारे मसाले हल्के भून लें. एक मिनट से ज्यादा इनको आंच पर रहने दें. इससे मसाले अंदर ही अंदर अपनी महक छोड़ने लगेंगे.
- आखिरी में लौंग डालकर भूनें. दरअसल, लौंग से तेल निकलता है इसलिए इसे सबसे कम देर के लिए आंच पर रखें. करीब 30 सेकंड तक भूनें.
- भूनने के बाद खड़े मसाले मिक्सर में बारीक पीस लें और छलनी से छानकर अलग कर लें.
- तैयार गरम मसाले को कांच के बर्तन में अच्छी तरह बंद करके रखें ताकि इसकी महक लंबे समय तक बनी रहे. प्लास्टिक कंटेनर में इसे रखें वरना इसकी महक जल्दी खत्म हो जाएगी. घर पर तैयार गर्म मसाले को आप आराम से 6 महीने तक चला सकते हैं.

नोट - साबुत गरम मसाले के पैकेट  https://indianjadibooti.com  पर उपलब्ध है , जिसमें गरम मसाला बनाने के लिए जरूरी सभी उच्चत्तम गुणवत्ता सामान आपको एक ही पैकेट में मिल जाएगा. इसे पीसकर घर पर मसाला तैयार किया जा सकता है.

Sunday, 11 August 2019

GOND KATIRA , गोंद कतीरा

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GOND KATIRA is better known as Tragacanth Gum is a tasteless, odourless, viscous water-soluble natural gum.
Gond katira comes from a shrub which is mostly found in Mid East, Iraq, and Iran and even in western Asia.Iran produces an enormous quantity of Gond Katira. English – Tragacanth gum
GOND KATIRA

BENEFITS :-
1. TREATING CONSTIPATION
Gond katira possesses purgative properties and so it is very helpful in treating constipation. It works as a laxative and provides a lot of relief.
2. WEAKNES IN MEN
It helps to cure weakness in men.
3. BENFITS FOR ANTI-AGING
This sap has anti-ageing properties, which is beneficial for your skin as it delays the development of wrinkles and fine lines.
4. BENEFITS OF GOND KATIRA AS A REMEDY FOR URINARY INCONTINECE.
Gond katira is an extremely useful remedy for treating urinary incontinence. It also helps in calming the urinary muscles in case of inflammation of the urinary tract and blockage of urine.
5. A BOOST OF ENERGY
Tragacanth Gum use as an energy tonic is well-known. In Ayurveda, it is given to those who feel lethargic, weak, and are lacking energy.
6. PREVENT HEAT STROKES
Tragacanth gum powder has excellent cooling properties. It cools up your body and prevents increasing the body heat. You should use especially in summers to prevent heatstrokes from the scorching sun.
6. BENEFICIAL FOR AFTER DELEVERY
Tragacanth gum is great for new mothers who become weak after delivery. It is said to be beneficial for both the mother and the baby.
This gum is a part of herbal treatment for women who have small breast and wish to increase its size.
7. WEIGHT LOSS
Gond katira has the property to increase the metabolic rate of the body. An increase in the metabolic rate would automatically help you flush out the waste from your body, increase your digestions and thus help in effective weight loss.



HOW U CAN TAKE IT

1. WITH ROOH AFZA AND MILK
1. Rinse and then add 2 teaspoons gond katira in a large bowl. ...
2. Add 2 cups water. ...
3. The next day you will see the gond katira increases in volume, blooms and become jelly like. ...
5. In a serving glass, take 3 to 4 tablespoons of soaked gond.
6. Add 2 tablespoon of rooh afza. …
7. Add chilled milk. ...
8. Add ice cubes.
2. LEMON WITH GOND KATIRA
1. First of all, make a sugar mixture in 2 tablespoon water as it is difficult to dissolve sugar in cold chilled water.
3. Now, take a glass of chilled water, add sugar mixture to it and mix well.
4. Next step is to add gond katira and then lemon.

दालचीनी , DALCHINI , Cinnamon




दालचीनी विश्व में मसालों के रूप में काम में ली जाती है। यह एक पेड़ की छाल होती है।

दालचीनी(Cinnamon) के फायदे उपयोग :

1.हकलाना तुतलाना:– दालचीनी (Cinnamon)को रोजाना सुबह-शाम चबाने से हकलापन दूर होता है।


2.वीर्यवर्द्धक:- दालचीनी को बहुत ही बारीक पीस लेते हैं। इसे 4-4 ग्राम सुबह शाम को सोते समय दूध से फांके। इससे दूध पच जाता है और वीर्य की वृद्धि होती है।


3.पेट में गैस:- दालचीनी (Cinnamon)पेट की गैस को नष्ट करती है तथा पाचनशक्ति (भोजन पचाने की क्रिया) को बढ़ाती है।


4.पित्त की उल्टी:- दालचीनी (Cinnamon)को पीसकर शहद में मिलाकर रोगी को पिलाने से पित्त की उल्टी बंद हो जाती है

सायटिका (Sciatica)

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आयुर्वेदिक प्रयोग:सायटिका का भयानक दर्द खत्म हो जाएगा वो भी सिर्फ दो हफ्तों में


सायटिका (Sciatica) एक तरह का भयानक दर्द है जिसका मुख्य कारण सायटिक नर्व है




सायटिका एक बीमारी है जिसमें रोगी को भयानक दर्द होता है। इसका मुख्य कारण सायटिक नर्व है। यह वो नर्व है जो रीढ़ के निम्न भाग से निकलकर घुटने के पीछे की ओर से पैर की तरफ जाती है। शरीर को अधिक समय तक एक ही स्थिति में रखने से यह दर्द बढ़ जाता है यह पेन बहुत असहनीय होता है। अक्सर यह समस्या उन लोगों में होती है जो बहुत समय तक बैठ कर काम करते हैं या बहुत अधिक चलते रहने से, अत्यधिक साइकिल, मोटर साइकिल अथवा स्कूटर चलाने से सायटिक नर्व पर दबाव पड़ता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि अचानक हड्डियों पर जोर पड़ जाने से भी इस प्रकार का दर्द होता है। इस प्रकार का दर्द अक्सर 40 से 50 वर्ष की उम्र में होता है और यह बीमारी बरसात या ठंड के मौसम में ज्यादा तकलीफ देती है। अगर आप भी सायटिका पेन से परेशान है तो आइए हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे आयुर्वेदिक प्रयोग जिनसे सायटिका पेन जल्द ही ठीक हो जाएगा।आयुर्वेदिक प्रयोग- मीठी #सुरंजान 20 ग्राम + #सनाय 20 ग्राम +
#सौंफ़ 20 ग्राम + शोधित #गंधक 20 ग्राम + #मेदा लकड़ी 20 ग्राम + छोटी #हरड़ 20 ग्राम + #सेंधा नमक 20 ग्राम इन सभी को लेकर मजबूत हाथों से घोंट लें व दिन में तीन बार तीन-तीन ग्राम गर्म जल से लीजिए।

- लौहभस्म 20 ग्राम + रस सिंदूर 20 ग्राम + विषतिंदुक बटी 10 ग्राम + त्रिकटु चूर्ण 20 ग्राम, इन सबको अदरक के रस के साथ घोंट कर 250 मिलीग्राम के वजन की गोलियां बना लीजिए और दो-दो गोली दिन में तीन बार गर्म जल से लीजिए।

#एरण्ड के बीज की पोटली बनाकर उस से सेंक करें। दर्द से जल्द ही राहत मिलेगी।

- 50 पत्ते #परिजात या # हरसिंगार के व 50 पत्ते #निर्गुण्डी के पत्ते लाकर एक लीटर पानी में उबालें। जब यह पानी 750 मिली हो जाए तो इसमें एक ग्राम केसर मिलाकर एक बॉटल में भर लें। यह पानी सुबह शाम पौन कप मात्रा में पीएं। साथ ही दो-दो गोली वातविध्वंसक वटी की भी लें।

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Thursday, 8 August 2019

जीर्णज्वर , FEVER , ज्वर , पुराना बुखार

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प्रयोगःकाला जीरा,चिरायता और कटुकी एक-एक चम्मच लेकर इन सबको रात्रि में भिगोकर सुबह 500 ग्राम पानी में तब तक उबालें जब तक पानी केवल दो चम्मच रह जाये। उस पानी को सुबह पीने से जीर्णज्वर में लाभ होता है।