Wednesday 31 July 2019

अमलतास


 अमलतास पीले फूलो वाला एक शोभाकर वृक्ष है।
https://indianjadibooti.com/Jadistore/Gooda-Amaltas

GOODA AMALTAS

आयुर्वेद में इस वृक्ष के सब भाग औषधि के काम में आते हैं। कहा गया है, इसके पत्ते मल को ढीला और कफ को दूर करते हैं। फूल कफ और पित्त को नष्ट करते हैं। फली और उसमें का गूदा पित्तनिवारक, कफनाशकविरेचक तथा वातनाशक हैं फली के गूदे का आमाशय के ऊपर मृदु प्रभाव ही होता है, इसलिए दुर्बल मनुष्यों तथा गर्भवती स्त्रियों को भी विरेचक औषधि के रूप में यह दिया जा सकता है।अफारा ,मुंह में पानी आना आदि लक्षणों में भी इसका उपयोग किया जाता है
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अमलतास के चमत्कारी लाभ और उपयोग।।1-कफ के कारण टान्सिल बढ़ने पर अमलतास का पानी पीने में आराम मिलता है। टान्सिल में जब दर्द हो रहा हो तब 10 ग्राम अमलतास (amaltas) को थोड़े जल में पकाएं। इसे बूंद-बूंद कर मुंह में डालते रहने से आराम होता है।2-अमलतास की 5-10 ग्राम गूदे को पानी में घोटें। उसमें तीन गुना चीनी का बूरा डाल लें। इसे गाढ़ी चाशनी बनाकर चटाने से सूखी खांसी ठीक होती है।3-अमलतास फल मज्जा(गूदा) को पिप्पली की जड़, हरीतकी, कुटकी एवं मोथा के साथ बराबर भाग में मिलाएं। इसका काढ़ा बनाकर पीएं। इससे कफ में लाभ होता है।4-अमलतास के फल (amaltas ki phali) का गूदा का काढ़ा बना लें। इसमें 5-10 ग्राम इमली का गूदा मिलाकर सुबह और शाम पीएं। यदि रोगी में कफ की अधिकता हो तो इसमें थोड़ा निशोथ का चूर्ण मिलाकर पिलाने से विशेष लाभ होता है।5-दमा या श्वसनतंत्र विकार को ठीक करने के लिए अमलतास फल के गूदे का काढ़ा बना लें। इसे पिलाने से सांसों की बीमारी में लाभ होता है।6-अमलतास की फली को पीसकर बच्चों की नाभि के चारों ओर लेप करें। इससे पेट के दर्द से आराम मिलता है।7-अमलतास फल के 10 से 20 ग्राम गूदे को रात में 500 मिली पानी में भिगो दें। इसे सुबह मसलकर छानकर पीने से पेट साफ हो जाता है और पेट की गंदगी बाहर निकल जाती है।https://indianjadibooti.com/Jadistore/Gooda-Amaltas 


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