Wednesday, 31 July 2019

पुदीना

पुदीना , पुदीना मेंथा वंश से संबंधित एक बारहमासी, खुशबूदार जड़ी है।
संस्कृत में पुदीने को पुतिहा कहा गया है अर्थात दुर्गंध का नाश करने वाला....पुदीना का स्वाद और सुंगन्ध दोनो लाजवाब हैं, वही स्वास्थ्य की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण.....अमृतधारा ओषधि में भी सतपुदिने का उपयोग किया जाता है....

पुदीना, PODINA


उपयोग

पुदीने की त्तीयाँ औषधीय गुणों से भरपूर होती है....
हाजमे के लिए ये एक अचूक उपाय है....इसके सेवन से पाचन क्रिया भी अच्छी रहती है.अगर आपके मुंह से बदबू आती है तो पुदीने की कुद पत्तियों को चबा लें, इसके पानी से कुल्ल करने पर भी बदबू चली जाएगी....पुदीना त्वचा से जुड़ी कई बीमारियों में भी एक अचूक उपचार है....गर्मी में लू से बचने के लिए भी पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है.... इसके रस को पीकर बाहर निकलने से धूप लगने का डर भी कम रहता है.  https://indianjadibooti.com/Jadistore/Pudina
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हैजा होने पर पुदीना, प्याज का रस, नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से फायदा होगा.
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उल्टी होने पर आधा कप पुदीना का रस पीने से उल्टी आना बंद हो जाएगी....पेट दर्द होने पर भी पुदीने को जीरा, काली मिर्च और हींग के साथ मिलाकर खाने से आराम होता है.....पुदीने की ताजी पत्तियों को पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरे को ठंडक मिलती है....
·         मेन्थोल का उपयोग बड़ी मात्रा में दवाईयों, सौंदर्य प्रसाधनों, कालफेक्शनरी, पेय पदार्थो, सिगरेट, पान मसाला आदि में खुशबू हेतु किया जाता है।
·         इसके अलावा इसका तेल यूकेलिप्टस के तेल के साथ कई रोगों में काम आता है। ये कभी-कभी गैस दूर करने के लिए, दर्द निवारण हेतु, तथा गठिया आदि में भी उपयोग किया जाता है।





अमलतास


 अमलतास पीले फूलो वाला एक शोभाकर वृक्ष है।
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GOODA AMALTAS

आयुर्वेद में इस वृक्ष के सब भाग औषधि के काम में आते हैं। कहा गया है, इसके पत्ते मल को ढीला और कफ को दूर करते हैं। फूल कफ और पित्त को नष्ट करते हैं। फली और उसमें का गूदा पित्तनिवारक, कफनाशकविरेचक तथा वातनाशक हैं फली के गूदे का आमाशय के ऊपर मृदु प्रभाव ही होता है, इसलिए दुर्बल मनुष्यों तथा गर्भवती स्त्रियों को भी विरेचक औषधि के रूप में यह दिया जा सकता है।अफारा ,मुंह में पानी आना आदि लक्षणों में भी इसका उपयोग किया जाता है
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अमलतास के चमत्कारी लाभ और उपयोग।।1-कफ के कारण टान्सिल बढ़ने पर अमलतास का पानी पीने में आराम मिलता है। टान्सिल में जब दर्द हो रहा हो तब 10 ग्राम अमलतास (amaltas) को थोड़े जल में पकाएं। इसे बूंद-बूंद कर मुंह में डालते रहने से आराम होता है।2-अमलतास की 5-10 ग्राम गूदे को पानी में घोटें। उसमें तीन गुना चीनी का बूरा डाल लें। इसे गाढ़ी चाशनी बनाकर चटाने से सूखी खांसी ठीक होती है।3-अमलतास फल मज्जा(गूदा) को पिप्पली की जड़, हरीतकी, कुटकी एवं मोथा के साथ बराबर भाग में मिलाएं। इसका काढ़ा बनाकर पीएं। इससे कफ में लाभ होता है।4-अमलतास के फल (amaltas ki phali) का गूदा का काढ़ा बना लें। इसमें 5-10 ग्राम इमली का गूदा मिलाकर सुबह और शाम पीएं। यदि रोगी में कफ की अधिकता हो तो इसमें थोड़ा निशोथ का चूर्ण मिलाकर पिलाने से विशेष लाभ होता है।5-दमा या श्वसनतंत्र विकार को ठीक करने के लिए अमलतास फल के गूदे का काढ़ा बना लें। इसे पिलाने से सांसों की बीमारी में लाभ होता है।6-अमलतास की फली को पीसकर बच्चों की नाभि के चारों ओर लेप करें। इससे पेट के दर्द से आराम मिलता है।7-अमलतास फल के 10 से 20 ग्राम गूदे को रात में 500 मिली पानी में भिगो दें। इसे सुबह मसलकर छानकर पीने से पेट साफ हो जाता है और पेट की गंदगी बाहर निकल जाती है।https://indianjadibooti.com/Jadistore/Gooda-Amaltas