आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियां बताई गई हैं जिनके नियमित इस्तेमाल से हम कई घातक बीमारियों से बचे रह सकते हैं। आयुर्वेद में अश्वगंधा के भी कई गुण बताए गए है। आइए, जानते हैं अश्वगंधा हैं कौन-से गुण।
गुणों की खान है अश्वगंधा
अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट, लीवर टॉनिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल के साथ-साथ और भी कई पोषक तत्व होते हैं जो आपकी बॉडी को हेल्दीं रखने में हेल्प करते हैं। इसके अलावा इसमें एंटी-स्ट्रेस गुण भी होते है जो स्ट्रेस फ्री करने में मदद करते है। इसके अलावा इसे घी या दूध के साथ मिलाकर सेवन करने से वजन बढ़ने में मदद होती है।
अश्वगंधा के फायदे
-कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी में बहुत असरकारी है अश्वगंधा का इस्तेमाल। कई रिसर्च में यह बताया गया है कि अश्वगंधा कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है और कैंसर के नए सेल्स नहीं बनने देता। यह शरीर में रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज का निर्माण करता है। जो कैंसर सेल्स को खत्म करने और कीमोथेरपी से होने वाले साइड इफेक्ट्स से भी बचाने का काम करता है।
-अश्वगंधा में मौजूद ऑक्सीडेंट आपके इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाने का काम करता है। जो आपको सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से लडने की शक्ति प्रदान करता है।
-अश्वगंधा वाइट ब्लड सेल्स और रेड ब्लड सेल्स दोनों को बढ़ाने का काम करता है। जो कई गंभीर शारीरिक समस्याओं में लाभदायक है।
-अश्वगंधा मानसिक तनाव जैसी गंभीर समस्या को ठीक करने में लाभदायक है। एक रिर्पोट के अनुसार तनाव को 70 फीसदी तक अश्वगंधा के इस्तेमाल से कम किया जा सकता है। दरअसल आपके शरीर और मानसिक संतुलन को ठीक रखने में असरकारी है। इससे अच्छी नींद आती है।अश्वगंधा कई समस्याओं से छुटकारा दिलाने का काम कर सकता है।
-अश्वगंधा का इस्तेमाल आपकी आंखो की रोशनी को बढ़ाने का काम करता है। रोज दूध के साथ लेंने से आंखो के अलावा स्ट्रेस से भी बचा जा सकता है।
अश्वगंधा का सेवन कैसे करें
अश्वगंधा चूर्ण खाने का तरीका बहुत आसान है। पानी, शहद या फिर घी में मिलाकर अश्वगंधा चूर्ण का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा, अश्वगंधा कैप्सूल, अश्वगंधा चाय और अश्वगंधा का रस भी मार्केट और ऑनलाइन आसानी से मिल जाता है।
रात में सोने से पहले दूध के साथ इसका सेवन फायदेमंद रहता है। इसके अलावा इसे खाना खाने के बाद भी लिया जा सकता है। कई लोग खाली पेट भी इसका सेवन करते हैं लेकिन कुछ लोगों को खाली पेट अश्वगंधा नुकसान करता है, इसलिए इसके सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर या नेचुरापैथी एक्सपर्ट से सलाह लेकर इसका सेवन किया जाए।
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