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एक सदाबहार वृक्ष है। इसमें औषधीय गुण मौजूद हैं। इस वृक्ष की अंदरूनी छाल में सबसे अधिक औषधीय गुण पाए जाते हैं एवं इसे हृदय के लिए शक्तिवर्द्धक के रूप में जाना जाता है। यहां तक कि ऋग्वेद में भी इस वृक्ष का उल्लेख किया गया है।
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स्ट्रोक, हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर जैसे कई हृदय संबंधित रोगों पर अर्जुन की छाल के उपयोग एवं लाभ को लेकर अध्ययन किए जा चुके हैं।
अर्जुन की छाल से हृदय चक्र (मानव शरीर का ऊर्जा देने वाला केंद्र) को मजबूती मिलती है और इसके औषधीय गुणों की तुलना पश्चिमी जड़ी बूटी नागफनी से की जाती है। अर्जुन की छाल मुलायम और भूरी होती है लेकिन इसके बीच में हरे और लाल रंग के धब्बे भी दिखाई देते हैं।
अर्जुन की पत्तियां आयताकार होती हैं। इसके सफेद रंग के फूल मई से जुलाई के महीने में खिलते हैं। अर्जुन का ताजा फल हरे रंग का होता है और पकने पर इसका रंग भूरा पड़ने लगता है।
गुण: अुर्जन की छाल पित्त और कफ को बढ़ने से रोकती है जबकि वात को बढ़ाती है। शरीर पर इसका शीतल प्रभाव पड़ता है।
अर्जुन के छाल के फायदे:-
🌳स्तन कैंसर को रोकती है अर्जुन की छाल
कई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि अर्जुन के पेड़ में कसुआरिनिन नाम का रासायनिक घटक पाया जाता है। इसके कारण शरीर में कैंसर की कोशिकाएं फैल नहीं पाती है। विशेषकर स्तर कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में अर्जुन की छाल बड़े काम की है। यदि गर्म दूध में अर्जुन के पेड़ की छाल को बारिक पीसकर रोज सेवन किया जाए तो स्तन कैंसर से बचा जा सकता है।
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🌳दिल के रोगियों के लिए रामबाण औषधि
अर्जुन की छाल दिल के रोगियों के लिए एक असरकारक दवा है। जिनका कोलेस्ट्रॉल बढ़ा है और थोड़ा भी पैदल चलने पर सांस फूलने लगती है, उन्हें अर्जुन की छाल की चाय अवश्य पीनी चाहिए। अर्जुन की छाल धमनियों में जमने वाले कोलेस्ट्रॉल और ट्रायग्लूसराइड को कम करती है। इससे दिल को रक्त पहुंचाने वाली धमनियां सुचारू काम करने लगती हैं। इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लूसराइड का ज्यादा बढ़ना दिल के लिए घातक हो जाता है। इससे कई बार हार्ट अटैक आने का भी खतरा रहता है। ऐसे मरीजों को रोज अर्जुन की छाल का इस्तेमाल किसी न किसी रूप में अवश्य करना चाहिए।
🌳डायबिटिज के रोगी ऐसे करें अर्जुन की छाल का प्रयोग
अर्जुन की छाल एक साथ कई बीमारियों को साध सकती है। कैंसर व दिल से संबंधित बीमारियों के अलावा डायबिटीज की बीमारी को नियंत्रित करने में अर्जुन की छाल बड़े काम की औषधि है। लेकिन इसके लिए अर्जुन की छाल के साथ देसी जामुन को समान मात्रा मिलाकर पीसकर चूर्ण बना लेना चाहिए। इस चूर्ण को रोज सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ लेना डायबिटीज के मरीज के लिए फायदेमंद होता है।
🌳रुक जाता है मोटापा बढ़ना
अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से मोटापे की बीमारी भी नहीं होती है क्योंकि पाचन तंत्र इसके लगातार सेवन से ठीक रहता है। यदि लगातार इसका सेवन किया जाए तो सिर्फ एक माह के इसका असर देखा जा सकता है। अर्जुन की छाल इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती है, जिससे सर्दी खांसी जैसी बीमारियां भी नहीं होती हैं।
🌳मुंह के छाले होते हैं दूर
अर्जुन की छाल चूंकि पेट साफ करती है और इसकी तासीर ठंडी होती है इसलिए यदि इसका रोज सेवन किया जाए तो कभी भी मुंह में छाले नहीं होते हैं। इसके अलावा यह खून को बगैर दवा लिए प्राकृतिक रूप में पतला करने भी औषधि है। इसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी पैदा नहीं होती है।
अर्जुन की छाल के नुकसान -
क्योंकि अर्जुन छाल रक्तचाप और रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकता है, इसलिए जो लोग बीपी और मधुमेह के लिए दवा का सेवन कर रहें है उन लोगों को एहतियात रखने के लिए अधिक खुराक के सेवन से बचने की जरूरत है।यह बच्चों में और स्तनपान के दौरान उपयोग करने के लिए सुरक्षित है। गर्भावस्था में उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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