सभी शुद्ध शक्तिवर्धक जड़ी बूटी और पाउडर खरीदने के लिए log on करें https://indianjadibooti.com
जब उदर(पेट) विकार की समस्या से लोग ग्रसित हो जाया करते थे तब घर के बड़े बुजुर्ग बेल फल का भूनकर सेवन कराते थे और छाछ पीने की सलाह देते थे ।
दस्त पेंचिस के लिए आयुर्वेद का प्रसिद्ध बिल्वादि चूर्ण में बेल की गिरी का मुख्य घटक के रूप में प्रयोग किया जाता है ।
बेल के गूदे को निकालकर धूप में सुखाकर रख लिया जाता है जिसे बेल गिरी के नाम से जाना जाता हैं ।
पशुओं को जब दस्त लग जाते थे तब बेल गिरी और कत्थे को एक साथ मिलाकर प्रयोग करते हुए आज भी देखा जा सकता है ।
कागजी पका हुआ बेल फल खाने में रुचिकर होता है और पेट के लिए अमृत के समान फायदेमंद होता है ।
जब उदर(पेट) विकार की समस्या से लोग ग्रसित हो जाया करते थे तब घर के बड़े बुजुर्ग बेल फल का भूनकर सेवन कराते थे और छाछ पीने की सलाह देते थे ।
https://indianjadibooti.com |
दस्त पेंचिस के लिए आयुर्वेद का प्रसिद्ध बिल्वादि चूर्ण में बेल की गिरी का मुख्य घटक के रूप में प्रयोग किया जाता है ।
बेल के गूदे को निकालकर धूप में सुखाकर रख लिया जाता है जिसे बेल गिरी के नाम से जाना जाता हैं ।
पशुओं को जब दस्त लग जाते थे तब बेल गिरी और कत्थे को एक साथ मिलाकर प्रयोग करते हुए आज भी देखा जा सकता है ।
कागजी पका हुआ बेल फल खाने में रुचिकर होता है और पेट के लिए अमृत के समान फायदेमंद होता है ।
No comments:
Post a Comment